नई दिल्ली। अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले केंद्र की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली मोदी सरकार की दोबारा वापसी न हो, इसके लिए कोशिशें लगातार जारी हैं. कभी खीर राजनीति को हवा दी जाती है तो कभी महागठबंधन की राजनीति की कवायद होती है. आगे क्या होगा, यह कहना अभी जल्दबाजी होगी. इसी क्रम में अबराष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के प्रमुख शरद पवार मैदान में उतर आए हैं. उन्होंने कहा है कि भाजपा को सत्ता से उखाड़ फेंकने के लिए वह कांग्रेस और अन्य राजनीतिक पार्टियों से अपने रिश्ते सुधारने की कोशिश करेंगे.
अगले एक माह तक नेताओं से मिलेंगे
पत्रकारों को बुधवार को संबोधित करते हुए पवार ने कहा कि अगले 15 दिनों से लेकर एक महीने तक वह विभिन्न राजनीतिक पार्टियों के नेताओं से मिलेंगे. उनका कहना था कि मैं जानता हूं कि मेरे लिए यह आसान नहीं है. इसमें कुछ परेशानियां भी हैं. लेकिन मुझे लगता है कि अलग-अलग पार्टियों से मतभेद को दूर किया जा सकता है. पवार से यह पूछा गया था कि कांग्रेस के कई दलों जिनमें बीजू जनता दल, तेलंगाना राष्ट्र समिति और आम आदमी पार्टी के साथ मतभेद हैं. ऐसे में एनसीपी अपना तालमेल कैसे बिठाएगी?
प्रधानमंत्री उम्मीदवार गंभीर मुद्दा नहीं
पवार की यह टिप्पणी तब आई है जब हाल में उन्होंने लोकसभा चुनाव 2019 में भाजपा को हराने के लिए राज्य आधारित पार्टियों के साथ गठबंधन करने को लेकर अपना समर्थन व्यक्त किया था. पवार ने महागठबंधन के प्रधानमंत्री उम्मीदवार के सवाल पर कहा कि यह कोई गंभीर मुद्दा नहीं है. अभी प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में किसी का नाम सार्वजनिक करना महत्वपूर्ण नहीं है.
दो बार बने ऐसे राजनीतिक हालात
पवार ने कहा कि ऐसी स्थिति मैंने अपने राजनीतिक जीवन में दो बार देखी है. पहली बार वर्ष 1976-77 में देखी. तब ठीक ऐसी ही स्थिति थी, जब चुनाव से पहले कोई जनता पार्टी नहीं थी और प्रधानमंत्री पद के लिए नेता का चुनाव मतदान के बाद हुआ था. इसी तरह वर्ष 2004 में हम एक नेता या किसी गठबंधन के नेतृत्व में चुनाव नहीं लड़े थे. हम सब एक साथ बैठे और वैकल्पिक सरकार बनाने का फैसला किया.
उनका स्पष्ट कहना था कि मैं नेतृत्व तो नहीं कर रहा लेकिन अन्य दलों में अपने मित्रों से बातचीत जरूर कर रहा हूं. उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों में यह आशंका है कि सरकार भाजपा विरोधी खेमे में उन्हें जाने से रोकने के लिए विभिन्न जांच एजेंसियों का गलत इस्तेमाल कर सकती है.
मोदी सरकार पर साधा निशाना
एनसीपी प्रमुख ने केंद्र की मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि चुनाव में सांप्रदायिक शक्तियों को उखाड़ फेंकना होगा. उनका कहना था कि मैं एनडीए सरकार की नीतियों और कार्रवाई से ज्यादा इस बात से चिंतित हूं कि देश में बांटने वाली, विनाशकारी और विघटनकारी राजनीति का प्रचार-प्रसार किया जा रहा है जो देश की एकता के लिए खतरा हैं. हमारा देश विविध संस्कृति, अलग-अलग धर्म और संप्रदाय वाला देश है, जहां हम धर्मनिरपेक्ष और मानवतावादी विचार के साथ एकजुट रहते हैं.