नई दिल्ली। नोटबंदी को लेकर देश में इस समय बहस छिड़ी हुई है. कांग्रेस लगातार केंद्र सरकार पर इस मुद्दे पर हमला बोल रही है, वहीं बीजेपी इसे सरकार की बड़ी उपलब्धि बता रही है. नीति आयोग ने भी सरकार के पक्ष में खड़ा होते हुए नोटबंदी को कालेधन के खिलाफ एक बड़ा प्रहार बताया है.
नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने कहा, कौन कहता है कि नोटबंदी का मकसद था कि कम पैसे जमा हों, करीब 3-4 लाख करोड़ रुपये सिस्टम में वापस आए हैं और पूरी अर्थव्यवस्था टैक्स सिस्टम के स्कैनर के तहत आई है. 18 लाख खाताधारकों को नोटिस भेजे गए, और लाखों खातों की जांच चल रही है.
नोटबंदी में कालेधन को सफेद करने के सवाल पर राजीव कुमार ने कहा कि नोटबंदी के तहत कालाधन सफेद भले ही नहीं हुआ हो, लेकिन ग्रे जरूर हुआ है. कैश लेनदेन में कमी आई है. उन्होंने कहा कि लोगों में अगर गलत तरीके से कैश के लेनदेन को लेकर डर पैदा हुआ है, तो यह नोटबंदी का ही असर है.
बता दें कि नोटबंदी को लेकर कांग्रेस ने आज ही केंद्र सरकार पर बड़ा हमला बोला है. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नोटबंदी कुछ कारोबारियों के कालेधन को सफेद करने के लिए की थी. राहुल गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री ने देश के युवाओं, छोटे दुकानदारों को जवाब देना है. उन्होंने इन लोगों से पैसा छीनकर देश के 15 अमीर लोगों को दे दिया.
कांग्रेस अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि नोटबंदी का मकसद देश के 15-20 सबसे बड़े उद्योगपतियों की ब्लैक मनी को सफेद में बदलना था. छोटे दुकानदारों को खत्म करके बड़ी कंपनियों को मदद करना ही इसका उद्देश्य था. राहुल गांधी ने कहा कि नोटबंदी कोई गलती नहीं थी, बल्कि लोगों पर जानबूझकर कुल्हाड़ी मारी गई थी. ये बड़ी कंपनियों के लिए रास्ता खोलने केलिए उठाया गया कदम था.
दरअसल, बुधवार को सरकार ने कहा था कि नोटबंदी के लक्ष्यों को काफी हद तक पूरा कर लिया गया है और अब देश के किसी भी भाग में नोटों की कोई कमी नहीं है. आर्थिक कार्य सचिव एससी गर्ग ने बताया था कि कालेधन पर रोक, आतंकवाद के धन के स्रोतों पर पाबंदी, डिजीटल लेन देन को बढ़ावा और जाली नोटों की समस्या से छुटकारा जैसे लक्ष्य हासिल कर लिए गए हैं. सचिव ने बताया कि पिछले 20 महीनों में बड़े जाली नोटों का कोई मामला सामने नहीं आया है.
सरकार के इस बयान के बाद कांग्रेस ने इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री पर हमला बोला था.