लखनऊ। यूपी में बीजेपी की तैयारी दलित और पिछड़ों के भरोसे चुनाव जीतने की है. पार्टी ने विधायकों को अगले पांच महीनों में एक लाख गांव तक पहुंचने का लक्ष्य दिया है. हर गांव से दस दलित और दस पिछड़ों को बीजेपी का ब्रांड एबेंसडर बनाया जायेगा. ये फ़ैसला योगी आदित्यनाथ के घर पर हुई बीजेपी विधायकों की डिनर पार्टी में हुआ.
बीजेपी के सभी विधायकों की ड्यूटी लगा दी गई है. सितंबर से लेकर अगले साल के जनवरी महीने तक सबको दो सौ पचास गांव का टारगेट दिया गया है. हर विधायक हर महीने कम से कम पचास गांव का दौरा करेगा. गांव जाकर नेता को क्या क्या करना है ? ये भी बताया गया है. गांव से दस दलित और दस पिछड़ी जाति के लोगों को तैयार किया जायेगा. ये एक तरह से पार्टी के ब्रांड एबेंसडर होंगे.
गांव में लोकसभा चुनाव के प्रचार से लेकर बूथ तक का मैनेजमेंट इनके ही ज़िम्मे होगा. यूपी में बीजेपी के 312 विधायक है. इसके अलावा विधान परिषद के सदस्य यानी एमएलसी भी हैं. जिन इलाक़ों में बीजेपी के न तो विधायक और न ही एमएलसी हैं. वहीं गांव के दौरे और दलितों-पिछड़ों को जोड़ने का काम सांसद या पार्टी के किसी नेता को दिया गया है. इस फ़ार्मूले से बीजेपी ने अगले पांच महीनों में एक लाख सात सौ पचास गांव तक पहुंचने का कार्यक्रम तय किया है.
इन गांवों में पार्टी के नेता मोदी सरकार की योजनाओं के बारे में बतायेंगे. स्वच्छता ही सपना के बारे में बतायेंगे. विधायक लोगों को बतायेंगे कि स्वच्छता से कैसे बीमारी दूर रहती है. पार्टी ने अगले लोकसभा चुनाव को लेकर इस रणनीति के बारे में विधायकों से सीएम योगी आदित्यनाथ के घर पर चर्चा की. सभी विधायकों को गुरुवार रात डिनर पर बुलाया गया था. यूपी में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष महेन्द्र नाथ पाण्डेय और संगठन मंत्री सुनील बंसल ने नेताओं को चुनावी मंतर दिए. विधायकों को कहा गया कि महीने के तीस में से दस दिन वे पार्टी के लिए दें . हर दिन पांच गांव जायें. इस तरह से महीने में पचास गांव का दौरा हो जायेगा.