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JNU के टीचर्स ने HRD मंत्री को लिखा ओपन लेटर, वीसी पर लगाए ये गंभीर आरोप

नई दिल्ली। देश के सबसे बेहतर शिक्षण संस्थानों में से एक जेएनयू के टीचर्स एसोसिएशन ने एचआरडी मंत्री प्रकाश जावड़ेकर से यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर को हटाने की मांग की है. जेएनयू टीचर्स एसोसिएशन (JNUTA) ने एचआरडी मिनिस्टर को एक ओपन लेटर लिखा है और उसमें इस बात की मांग की है. टीचर्स का आरोप है कि वाइस चांसलर एम जगदीश कुमार ने जेएनयू के एडमिनिस्ट्रेशन की ओर से ऐसे काम किए हैं, जिससे इस बेहतरीन यूनिवर्सिटी का नाम खराब हो रहा है. इसके अलावा टीचर्स ने आरोप लगाया कि वीसी किसी भी मुद्दे पर उनके राय पर गौर नहीं करते हैं.

लेटर में इस बात का ज़िक्र है कि जेएनयू टीचर्स एसोसिएशन ने 7 अगस्त को आयोजित एक जनमत संग्रह में इस बात का फैसला लिया था कि वीसी को पद से हटाया जाएगा. इसके बाद की बैठकों में वीसी को पद से हटाने की आखिरी तारीख 5 सितम्बर तय की गई थी.

लेटर में टीचर्स ने आरोप लगाया है कि किसी भी फैसले में वीसी उनकी बातों को महत्व देने के नज़रअंदाज कर देते हैं. इसके अलावा JNUTA ने अपने लेटर में कहा, “वीसी टीचर्स को डराकर, धमकाकर या किसी और तरीके का उपयोग कर अपने अधिकारों का गलत इस्तेमाल करते हैं.” इसके अलावा इस लेटर में कहा गया है कि वीसी को 7 मामलों में ढेर सारे सबूतों के आधार पर दोषी पाया गया है.

JNUTA ने वाइस चांसलर पर लगाए हैं ये 7 आरोप

इस लेटर के मुताबिक ये 7 आरोप हैं- वीसी का अपने अधिकारों का गलत इस्तेमाल करना और लगातार पाबंदियों का उल्लंघन करना, फैकल्टी की सिलेक्शन प्रोसेस की अखंडता को भंग करना, शोध के इच्छुक छात्रों के हितों को नुकसान पहुंचाना, आम आदमी के पैसों की बर्बादी और सीईआई एक्ट के साथ ही रिज़र्वेशन पॉलिसी का उल्लंघन करना, टीचर्स का शोषण करना और उन्हें उनके अधिकारों से वंचित रखना, लोकतंत्र की बजाय एकाधिकार (तानाशाही) को बढ़ावा देना, जेएनयू की यौन शोषण नीति को कमजोर करना, टीचर्स एसोसिएशन का आखिरी आरोप ये है कि वीसी ने लापता हुए छात्र नजीब एहमद के मामले में मूर्खतापूर्ण रवैया अपनाया था और वो छात्रों की रक्षा करने में सफल नहीं हुए हैं.

                                                                                                                           जेएनयू के वाइस चांसलर एम जगदीश कुमार (फाइल फोटो)

इसके अलावा टीचर्स एसोसिएशन ने ये आरोप लगाया कि इस आपदाजनक रवैये के चलते जेएनयू प्रभावित हो रहा है. इस नेतृत्व में जेएनयू में एडमिशन कम हो गए हैं, जिसके चलते आम लोग जो टैक्स में रुपये देते हैं वो बर्बाद हो रहे हैं. इसके अलावा वीसी पर से जेएनयू की कम्युनिटी का विश्वास उठ गया है.

वहीं टीचर्स ने ये आरोप लगाया है कि वीसी पिछड़े वर्गों के अधिकारों का भी हनन कर रहे हैं. आरोप है कि एससी/एसटी टीचर्स ने भी शिकायत दर्ज करवाई है कि एडमिनिस्ट्रेशन से उन्हें उनके संवैधानिक अधिकार नहीं मिल रहे हैं.

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