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सूटकेस या बैंकों के जरिये नहीं, चार्टर्ड विमानों में भरकर विदेश भेजा जा रहा था देश का पैसा? कौन है इस खेल में शामिल

नई दिल्ली। अगर आप सोचते हैं कि बैंकों के जरिये या फिर सूटकेस में भरकर काला धन देश से बाहर ले जाया गया होगा तो इस खबर को पढ़ने के बाद आप हैरान हो सकते हैं. जो बात सामने आई है उसे पढ़कर आप सोचेंगे कि ऐसा तो सिर्फ पुरानी हिंदी फिल्मों में ही होता था. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और सीबीआई जैसी एजेंसियों को अंदेशा है कि कहीं वीआइपी चार्टर्ड विमानों से विदेशों में कैश तो नहीं भेजा जाता रहा है? ये मामला पत्रकार रहे कारोबारी उपेंद्र राय की गिरफ़्तारी के साथ खुलता लग रहा है. एजेंसियों को शक है कि इन चार्टर्ड विमानों में नोट छुपाने के लिए विशेष सुराख तो नहीं किए गए हैं. ये बताया जा रहा है कि विदेशी एजेंसियों ने भारतीय एजेंसियों को बताया है कि हवाला का पैसा चार्टर्ड विमानों से भी जा रहा है.

इन बातों से हो रहा है शक
क्यों राय की कंपनी की चार्टर्ड फ़्लाइट लगातार दुबई-रूस जाती रही?
क्यों ये विमान दुबई के मुख्य हवाई अड्डे नहीं, छोटे हवाई अड्डों में उतरे?
क्यों छोटे हवाई अड्डों से इतनी ज़्यादा वीआइपी उड़ानें होती रहीं?

जांच एजेंसियों को उपेंद्र राय के पास से एयरोड्रम पास मिला है जो कि ब्यूरो ऑफ सिविल एवियेशन की ओर से जारी किया गया है. जांच में पता चला है कि ये पास उपेंद्र राय ने फर्जी तरीके से हासिल किया है. इस पास के जरिये उपेंद्र राय को देश के किसी भी एयरपोर्ट पर बेरोक-टोक जाने की इजाजत मिली हुई थी. हालांकि जांच एजेंसियों ने अभी तक यह नहीं बताया है कि इस पास को हासिल करने के पीछे उपेंद्र राय का क्या मकसद था. इसी हफ्ते में प्रवर्तन निदेशालय ने खुलासा किया है उपेंद्र राय की 26 करोड़ की संपत्ति जब्त की गई है. जिसमें दिल्ली के ग्रेटर कैलाश और कनॉट प्लेस जैसे इलाके में फ्लैट भी शामिल हैं.

मिली जानकारी के मुताबिक जांच एजेंसियों को शक है कि किसी इंजीनियर के साथ मिलकर इन चार्टर्ड प्लेनों को अंदर सुराख बनाया जाता था और उसी में पैसा भरकर ले जाया जाता था. इस तरह प्लेन के मालिकों या क्लाइंट को भी नहीं पता चल पाता था और वीआईपी प्लेन की ज्यादा जांच भी नहीं की जाती थी. जांचकर्ताओं ने यह भी बताया है कि एयरवन नाम की कंपनी जिसका संबंध उपेंद्र राय से भी है, अपने प्लेन को काफी समय तक दुबई में रखती थी. इतना ही नहीं जांच से बचने के लिये दुबई के आसपास किसी छोटे एयरपोर्ट पर इन प्लेनों को खड़ा किया जाता था. इसके अलावा ये जहाज रूस भी जाते रहते थे. ईडी से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि वह कई अधिकारियों के लिये भी काम रहे थे.

जब अधिकारी से इस मामले में जांच के बारे में पूछा गया तो उसने बताया कि अभी और सबूत इकट्ठा किये जा रहे हैं. वहीं इस मामले में सीबीआई  ने बताया कि उपेंद्र राय के लेनदेन के बारे में जानकारी खंगाली जा रही है. हालांकि सीबीआई ने इस नये खुलासे के बारे में जानकारी नहीं होने की बात कही है. फिलहाल जांच एजेंसियां नोटबंदी के बाद से किए गए सभी क्रिया-कलापों की जांच में जुटी हुई हैं. इस बारे में दिल्ली के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के अधिकारियों से जानकारी मांगी गई है.

जांच एजेंसियों को अंदेशा है कि इन वीआईपी जहाजों में हरियाणा के हिसार में बनी हवाई पट्टी पर पैसा रखा जाता रहा होगा. सुरक्षा के साथ इस खिलवाड़ में और कौन-कौन शामिल था इसका अभी पता लगना बाकी है. उपेंद्र राय को पास जारी करने वाले बीसीएस का कहना है कि उसने पास नियमों के मुताबिक दिये हैं और वह ऐसी घटना की जिम्मेदार नहीं है. आपको बता दें कि मनी लॉन्ड्रिंग केस में उपेंद्र राय इस समय जेल में हैं और उनसे प्रवर्तन निदेशालय पूछताछ कर रहा है.

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