ग्वालियर। ऐसे समय में जब कांग्रेस पार्टी राफेल लड़ाकू विमान सौदे को लेकर देशभर में हाय तौबा मचा रही है, पहली बार फ्रांस के 3 राफेल लड़ाकू विमान भारत में पहुंचे हैं. ये तीनों राफेल लड़ाकू विमान ग्वालियर एयरबेस पर अगले 3 दिन तक मौजूद रहेंगे, जिन पर भारतीय वायुसेना के पायलट ट्रेनिंग करेंगे.
दरअसल, फ्रांस वायुसेना के तीन राफेल लड़ाकू विमान ऑस्ट्रेलिया में एक अंतरराष्ट्रीय युद्धाभ्यास में शामिल होने गए थे और वापसी में ग्वालियर में रुके हैं. इस अभ्यास में भारतीय वायुसेना ने भी हिस्सा लिया था और ऐसे में अब एक साझा अभियान के तहत भारतीय वायुसेना के पायलट ग्वालियर में राफेल लड़ाकू विमान उड़ाएंगे. जबकि फ्रांस वायुसेना के पायलट मिराज 2000 लड़ाकू विमानों पर हाथ आजमाएंगे.
ऑस्ट्रेलिया में हुए पिच ब्लैक युद्धभ्यास में भारतीय वायुसेना के ट्रांसपोर्ट और सुखोई-30 विमानों ने हिस्सा लिया था. ग्वालियर एयरबेस पर रविवार से शुरू हो रहे इस साझा अभ्यास के दौरान फ्रांस के पायलट उन्नत मिराज-2000 विमान उड़ाएंगे जबकि भारतीय वायुसेना के पायलट राफेल लड़ाकू विमान पर अभ्यास करेंगे. आने वाले दिनों में राफेल लड़ाकू विमान भारत पहुंचने शुरू हो जाएंगे और इससे पहले भारतीय पायलटों के लिए यह एक अच्छा अनुभव होगा.
भारतीय वायुसेना को उम्मीद है कि सितंबर 2019 तक 36 राफेल लड़ाकू विमान देश में आने शुरू हो जाएंगे. पूरे विमान आने में कुछ और साल लगेंगे. इन 36 लड़ाकू विमानों को भारतीय वायुसेना की दो स्क्वाड्रन में बांटा जाएगा. एक स्क्वाड्रन पाकिस्तान से मुकाबले के लिए हरियाणा के अंबाला में तैनात होगी जबकि चीन की हिमाकत का जवाब देने के लिए दूसरी पश्चिम बंगाल की हाशिमारा में तैनात की जाएगी. मोदी सरकार ने फ्रांस सरकार के साथ 36 विमानों का ये सौदा 60 हजार करोड़ में किया था. जिसको लेकर कांग्रेस पार्टी पिछले काफी समय से सरकार को घेर रही है.