Saturday , November 23 2024

NSA अजीत डोभाल ने कहा- जम्मू-कश्मीर के लिए अलग संविधान एक ‘त्रुटि’

नई दिल्ली। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल ने मंगलवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर के लिए अलग संविधान होना संभवत: एक ‘‘त्रुटि’’ थी. उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि संप्रभुता से कभी समझौता नहीं किया जा सकता. डोभाल ने कश्मीर पर यह टिप्पणी ऐसे समय में की है जब उच्चतम न्यायालय संविधान के अनुच्छेद 35-ए की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है. अनुच्छेद 35-ए के तहत जम्मू-कश्मीर के स्थायी निवासियों को खास तरह के अधिकार और कुछ विशेषाधिकार दिए गए हैं. देश के पहले उप-प्रधानमंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल पर लिखी एक किताब के विमोचन समारोह को संबोधित करते हुए डोभाल ने कहा कि उन्होंने देश की मजबूत आधारशिला रखने में अहम योगदान किया है.

डोभाल ने इस मौके पर पटेल को श्रद्धांजलि भी अर्पित की. उन्होंने कहा कि संप्रभुता को ‘‘न तो कमजोर किया जा सकता है और न ही गलत तरीके से परिभाषित किया जा सकता है’’. उन्होंने कहा, ‘‘जब अंग्रेज भारत छोड़कर गए तो संभवत: वे भारत को एक मजबूत संप्रभु देश के रूप में छोड़कर नहीं जाना चाहते थे’’. डोभाल ने कहा कि इस संदर्भ में पटेल ने अंग्रेजों की योजना शायद समझ ली कि वे कैसे देश में टूट के बीज बोना चाह रहे हैं. उन्होंने कहा कि पटेल का योगदान सिर्फ राज्यों के विलय तक नहीं बल्कि इससे कहीं अधिक है.

दूसरी तरफ, श्नीनगर में नेशनल कांफ्रेंस के नेता मुस्तफा कमाल ने कहा कि सरकार को डोभाल के बयान का संज्ञान लेना चाहिये. अगर सरकार संज्ञान नहीं लेती है तो यह माना जाना चाहिये कि डोभाल सरकार की तरफ से बोल रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘दिल्ली ने देश को बांटा है’. दूसरी तरफ, पीडीपी नेता रफी अहमद मीर ने कहा कि एक जिम्मेदार पद पर रहते हुए डोभाल जैसे व्यक्ति को इस तरह का गैर-जिम्मेदाराना बयान नहीं देना चाहिये.

साहसी पत्रकारिता को सपोर्ट करें,
आई वॉच इंडिया के संचालन में सहयोग करें। देश के बड़े मीडिया नेटवर्क को कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर इन्हें ख़ूब फ़ंडिग मिलती है। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें।

About I watch