लखनऊ। 100 रुपये का इंजेक्शन, उसे लगवाने पर मरीजों को खर्च करने पड़ रहे हैं 500 रुपये। केजीएमयू के गठिया रोग विभाग में कुछ ऐसा ही हो रहा है। गठिया मरीजों को दर्द से छुटकारा दिलाने के लिए यह इंजेक्शन सीनियर रेजीडेंट डॉक्टर लगा रहे हैं। इसके एवज में गरीब मरीजों को शुल्क वसूला जा रहा है।
गठिया के मरीजों को दर्द से छुटकारा दिलाने के लिए घुटनों में इंजेक्शन लगाया जाता है। केजीएमयू के गठिया रोग विभाग के स्टोर में मरीजों को 100 रुपये का इंजेक्शन मिल रहा है। इस इंजेक्शन को लगवाने का शुल्क पांच सौ रुपये तय किया गया है। सीनियर रेजीडेंट शाम तीन बजे के बाद इंजेक्शन लगाते हैं। रोजाना 10 से 20 मरीजों को इंजेक्शन लगाए जाते हैं। मरीजों का आरोप है कि पहले यह इंजेक्शन लगाने के लिए 100 रुपये शुल्क लिए जाता था। अब 500 रुपये शुल्क लिए जा रहे हैं। जब सारी दवा मरीज खरीदकर दे रहे हैं, सीनियर रेजीडेंट को सरकार तनख्वाह दे रही है, तो फिर इंजेक्शन लगाने का भारी भरकम शुल्क क्यों वसूला जा रहा है।
डॉक्टर ने की मरीज से अभद्रता
गठिया रोग विभाग में बुजुर्ग महिला मरीज से अभद्रता का मामला सामने आया है। शुक्रवार को गठिया रोग विभाग में मलिहाबाद की बुजुर्ग महिला इलाज के लिए आई थी। यहां के डॉक्टर ने महिला से अभद्रता की। महिला ने धक्का मारने का आरोप लगाया है। महिला का कहना है कि डॉक्टर साहब गेट के पास से गुजर रहे थे। वह उन्हें देख नहीं पाईं थीं। रास्ते में अड़चन आने पर डॉक्टर भड़क उठे थे।