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तीन तलाक पीड़िता निदा खान के पिता पढ़ने गए थे जुमे की नमाज, मस्जिद से बाहर निकाला

बरेली/लखनऊ। इस्लाम से खारिज आला हजरत हेल्पिंग सोसाइटी की अध्यक्ष निदा खान के पिता को नमाजियों ने शुक्रवार को मस्जिद से बाहर कर दिया। जुमे की नमाज के दौरान इस्लाम से खारिज फतवे का मुद्दा उठा। निदा का आरोप है कि मस्जिद इमाम ने फतवे को मानते हुए पिता को नमाज पढ़ने से रोका है। भीड़ को उकसाकर माहौल बिगाड़ने की कोशिश की है। मामले में एसएसपी को तहरीर दी गई है।

बरेली के थाना बारादरी क्षेत्र निवासी निदा खान के पिता मुर्सरफ यार खान शहदाना वली दरगाह स्थित मस्जिद में जुमे की नमाज पढ़ने गए थे। दोपहर 1:55 बजे पर जैसे ही वो मस्जिद में पहुंचे और सुन्नी पढ़नी शुरू की तो भी नमाजियों ने इमाम से फतवे का जिक्र कर दिया। बताया गया है कि एक नमाजी ने इमाम से सवाल किया था कि क्या इस्लाम से खारिज होने वाले के परिवार को मस्जिद में नमाज के लिए इजाजत है। इस पर निदा के पिता ने आपत्ति जताई। तभी मामला तूल पकड़ गया और हंगामा शुरू हो गया।

निदा के पिता ने बताया कि इमाम ने मेरे खिलाफ नमाजियों को उकसाया है। उन्होंने मुझ पर हमला करने की कोशिश भी है। घटना की सूचना मिलने पर निदा अपनी मां यासमीन और गनर को लेकर मौके पर पहुंच गई। इतने में नमाजी और दरगाह शहदाना वली पर आने वाले सैकड़ों लोगों की भीड़ एकत्रित हो गई। घटना की सूचना मिलने पर कई थानों की पुलिस और चीता मोबाइल भी मौके पर पहुंच गई। भीड़ ने निदा और उनके परिवार को घेर लिया। पुलिस ने जैसे-तैसे उन्हें वहां से निकाला। निदा ने कहा कि मामले में एसएसपी को तहरीर दी गई है। फतवे का ऐलान करने वाले मुफ्ती और मस्जिद इमाम के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की है।

दरगाह शहदाना वली के मीडिया प्रभारी वसी अहमद वारसी ने कहा कि निदा के पिता ने मस्जिद में आकर हंगामा किया था। नमाजी इसको लेकर नाराज हो गए थे। इसके बाद निदा अपनी मां के साथ दरगाह पहुंची। हम लोगों ने भीड़ को समझाकर शांत कर दिया।

मैंने हक मांगा, शरीयत के खिलाफ नहीं बोली: निदा
तीन तलाक पीड़िता और आला हजरत हेल्पिंग सोसाईटी की अध्यक्ष निदा खान तीन तलाक और हलाला पीड़िताओं की लड़ाई लड़ रही है। निदा को धमकियां मिली तो प्रशासन ने सुरक्षा बढ़ा दी। निदा ने कहा कि जब से फतवा देकर मुझे इस्लाम से खारिज किया है तभी से मेरे खिलाफ साजिश हो रही है। मैंने कभी शरीयत के खिलाफ आवाज नहीं उठाई। अपना हक ससुराल से मांगा था, लेकिन कुछ लोगों ने मेरे मामले को मजहबी रूप देकर माहौल बिगाड़ने की कोशिश शुरू कर दी है।

कौन है निदा

  • पुराना शहर के मुहल्ला शाहदाना निवासी मुर्सरफ यार खान की बेटी है निदा खान।
  • उसका निकाह 2015 को शहर के मशहूर खानदान के उस्मान रजा खां उर्फ अंजुम मियां के बेटे शीरान रजा खां से हुआ था।
  • अंजुम मियां आल इंडिया इत्तेहादे मिल्लत काउंसिल के मुखिया मौलाना तौकीर रजा खां के सगे भाई हैं।
  • निदा का कहना है कि शादी के बाद से ही उसके साथ मारपीट की गई जिससे उसका गर्भपात हो गया था। शौहर शीरान रजा खां ने 5 फरवरी 2016 को 3 तलाक़ देकर घर से निकाल दिया।
  • निदा ने सिविल कोर्ट में तीन तलाक के खिलाफ लड़ाई लड़ रही है।
  • तीन तलाक, हलाला और बहुविवाह के खिलाफ भी आवाज उठा रही हैं।
  • उन्होंने 8 जुलाई को तीन तलाक, हलाला और बहुविवाह पीड़िताओं की प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी।
  • 12 जुलाई को वह एक हलाला पीड़िता शबीना के साथ जाकर प्रेमनगर थाना मुकदमा दर्ज कराने पहुंची थी।
  • 13 जुलाई को किला की शाही जामा मस्जिद में जुमे की नमाज में निदा के शरीयत पर सवाल उठाने पर तकरीर हुई थी।
  • 16 जुलाई को दरगाह आला हजरत के मरकजी दारुल इफ्ता से फतवा जारी हुआ। मुफ्ती खुर्शीद आलम ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर निदा को इस्लाम से खारिज किए जाने का ऐलान किया था।
  • 17 जुलाई को ससुर संग हलाला प्रकरण में मुकदमा दर्ज हुआ। 18 जुलाई को फतवे से देशभर में हड़कंप मचा और राज्य अल्पसंख्यक आयोग की टीम जांच को पहुंची
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