सुरों की मल्लिका, बॉलीवुड की मशहूर गायिका आशा भोंसले आज अपना 85वां जन्मदिन मना रही हैं. आज ही के दिन 1933 में महाराष्ट्र के एक छोटे से गांव सांगली में जन्मी आशा भोंसले को शायद कभी इस बात का अंदाजा भी नहीं था कि उनकी आवाज को एक दिन सारी दुनिया सलाम करेगी. कहते हैं न, कोई भी पेड़ तभी मजबूत होगा, जब उसकी जड़ सही से सींची जाए, आशा ताई के साथ भी ऐसा ही हुआ. पिता दीनानाथ मंगेशकर की गायिकी और संगीत ने आशा ताई के अंदर के कलाकार को उभारा, जिन्होंने शास्त्रीय संगीत की शिक्षा काफी छोटी उम्र में ही ली.
पिता के देहान्त होने के बाद आशा परिवार की सहायता करने के लिए अपनी बहन लता मंगेशकर के साथ गाना गाने लगीं. आशा भोंसले ने अपना पहला गाना 1943 में 10 साल की उम्र में मराठी फिल्म ‘माझा बाळ’ में ‘चला चला नव बाळा…’ गाया. उन्होंने 1948 से हिन्दी फिल्मों में गाना गाना शूरु किया और उसके बाद आशा ने 15 से भी ज्यादा भाषाओं में गीत गाए. आशा भोंसले अब तक 12,000 से भी ज्यादा गीतों को अपनी आवाज दे चुकी हैं. हिंदी सिनेमा को उन्होंने ‘झुमका गिरा रे’, ‘रात अकेली है’, ‘आजा आजा’, ‘दम मारो दम’, ‘दिल चीज क्या है’ जैसे कई यादगार गीत दिए हैं. इसके अलावा नब्बे के दशक में ‘बाजीगर’, ‘रंगीला’ और ‘ताल’ जैसी फिल्मों में एआर रहमान और अनु मलिक जैसे संगीतकार निर्देशकों के साथ भी काम किया है.
जब आशा ताई ने बड़ी बहन को दी सुरों की नसीहत
हाल ही में आशा भोंसले सिंगिंग रियालीटी शो ‘दिल है हिन्दुस्तानी’ में गेस्ट बनकर गई थीं. जिसमें उन्होंने अपनी और बहन लता मंगेश्कर के साथ बिताए पलों को शेयर किया. आशा भोंसले ने कहा, ‘मैं और दीदी जब रिकॉर्डिंग के लिए जाते थे तो बहुत ही सिंपल और कॉर्टन की साड़ी, हाथ में कांच की चूड़ी पहनकर जाते थे और पूरा ध्यान अपने गानों पर देते थे. दीदी लता मंगेशकर से जुड़ा एक किस्सा बताते हुए उन्होंने कहा, ‘ 10 साल पहले जब दीदी ने एक गाना गाया, तब मैंने उनको बोला की इस गाने में तुम्हारी आवाज ठीक नहीं लगी, सुर थोड़ा कच्चा लग रहा है. यह बात सुनकर दीदी बोलीं कि अच्छा, ऐसा? तुझे ज्यादा पता है..’ दूसरे दिन लता दीदी सुबह ही तानपुरा लेकर रियाज करने बैठ गईं और उसके बाद फिर से वही गाना मुझे गाकर सुनाया. ये उनका अपने संगीत के प्रति समर्पण है.’ साथ ही आशा भोंसले ने कहा कि हर गाने वालों के लिए रियाज बहुत जरूरी होता है.
आपको बता दें, आशा भोंसले और लता मंगेशकर के बीच काफी मतभेद की खबरें भी अक्सर सामने आती रहीं, लेकिन इन दोनों बहनों के बीच हमेशा एक सम्मान का रिश्ता रहा है. आशा ताई को अब तक फिल्मफेयर अवार्ड में 7 बेस्ट फिमेल प्लेबैक पुरस्कारों से नवाजा गया है. उन्हें 2 राष्ट्रीय फिल्म पुस्कारों से भी सम्मानित किया गया है. आशा भोंसले को 2008 में तत्कालीन राष्ट्रपति प्रतिभा देवी सिंह पाटिल द्वारा ‘पद्म विभूषण’ से सम्मानित किया जा चुका है.