नई दिल्ली। भारत के छह राज्यों में बुधवार को पिछले पांच घंटे के अंदर भूकंप के झटके महसूस किए गए. बिहार, असम झारखंड, हरियाणा, पश्चिम बंगाल और जम्मू-कश्मीर के कई हिस्सों में भूकंप आया. भूकंप के झटके महसूस होने पर इन राज्यों में लोग इमारतों से बाहर निकल आए और दहशत फैल गई. अभी तक कहीं भी जानमाल के नुकसान की खबर नहीं है.
Earthquake measuring 5.5 on the Richter scale hits parts of Assam.
— ANI (@ANI) September 12, 2018
जम्मू एवं कश्मीर में बुधवार को आए भूकंप की तीव्रता 4.6 मापी गई. आपदा प्रबंधन अधिकारी ने बताया कि किसी जान-माल के नुकसान की खबर नहीं है. उन्होंने कहा कि झटके सुबह 5.15 बजे दर्ज किए गए. भूकंप का केंद्र लद्दाक क्षेत्र के कारगिल कस्बे से 199 किलोमीटर दूर स्थित था.
Earthquake of magnitude 4.6 on the Richter scale hit #JammuAndKashmir at 05:15 am today
— ANI (@ANI) September 12, 2018
Earthquake of magnitude 3.1 on the Richter scale, epicentered at Haryana’s Jhajjar, occurred at 05:43 am today
— ANI (@ANI) September 12, 2018
वहीं, बिहार के मुंगेर, भागलपुर, अररिया, पूर्णिया, बाढ़, पटना, फारबिसगंज, मधेपुरा के उदाकिशुनगंज, मुरलीगंज में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए. वहीं, झारखंड के हजारीबाग में भी धरती हिली. दो दिन पहले भी राजधानी दिल्ली में भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए थे. इसका सेंटर भी मेरठ और हरियाणा बॉर्डर के आस-पास था.
क्यों आता है भूकंप?
धरती की ऊपरी सतह 7 टेक्टोनिक प्लेटों से मिल कर बनी है. जहां भी ये प्लेटें एक दूसरे से टकराती हैं वहां भूकंप का खतरा पैदा हो जाता है. भूकंप तब आता है जब ये प्लेट्स एक दूसरे के क्षेत्र में घुसने की कोशिश करती हैं. इस दौरान कई बार धरती फट तक जाती है, कई बार हफ्तों तो कई बार कई महीनों तक ये ऊर्जा रह-रहकर बाहर निकलती है और भूकंप आते रहते हैं, इन्हें आफ्टरशॉक कहते हैं.
क्या न करें?
अगर आप भूकंप के झटके महसूस कर रहे हैं तो घबराने की बजाए होशियारी से फैसला लें. अगर घर से बाहर हैं तो ऊंची बिल्डिंग और पोल के पास न खड़े हों. जर्जर बिल्डिंग के पास बिल्कुल भी खड़ा न हों. किसी ऐसे सड़क या पुल से ना गुजरें जो कमजोर हो. अगर संभव हो तो मजबूत टेबल के नीचे सिर छिपाकर बैठ जाएं. इस दौरान घर में भी कांच की खिड़कियों से दूर रहें. इन तमाम उपायों के बावजूद अगर आप कहीं फंस जाते हैं तो सीटी बजाकर या चिल्लाकर मदद के लिए आवाज लगाएं.