लखनऊ/सहारनपुर। उत्तर प्रदेश के सहारनपुर के शब्बीरपुर में 2017 में हुई जातीय हिंसा के मुख्य आरोपी और भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर उर्फ रावण ने अपनी रिहाई के बाद कहा कि समय पूर्व रिहाई यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट की फटकार से बचने के लिए की है. उन्होंने कहा कि हम प्रयास करेंगे कि साहब कांशीराम के आंदोलन को आगे बढ़ाए. भीम आर्मी के प्रमुख ने बसपा सुप्रीमों मायावती को बुआ कहकर संबोधित करते हुए कहा कि उन्होंने अपने कार्यकाल में बहुत काम किए हैं. हम उनके काम को सलाम करते हैं.
भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर आजाद उर्फ रावण सहारनपुर जेल से रिहा होकर शुक्रवार सुबह अपने गांव छुटमलपुर पहुंचे. यहां उन्होंने मीडिया से बातचीत करते हुए बीजेपी सरकार पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि बीजेपी के जवाब देना पड़ेगा, बीजेपी ने उना में क्या किया, सहारनपुर में क्या किया उन्होंने कहा कि ये महाराष्ट्र नहीं है.
रावण ने कहा कि मैं अपने लोगों से 2019 में बीजेपी को सत्ता से उखाड़ फेंकने के लिए कहूंगा. उन्होंने कहा कि जब तक 2 अप्रैल को हुई वारदात को इंसाफ नहीं मिल जाता, वो और उनकी भीम आर्मी विरोध करती रहेगी.
उन्होंने सरकार पर तानाशाही का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि जो भी इस सरकार के खिलाफ आवाज उठाता है, उसको सरकार बंद करवा देती है. उनहोंने कहा कि जेल में मुझे पता चला कि सरकार किस तरह निर्दोष लोगों का उत्पीड़न करती है. भीम आर्मी चीफ ने आशंका भी व्यक्त की कि बीजेपी फिर से उन्हें जेल भेज सकती है. सरकार द्वारा रिहाई से डेढ़ महीने पहले अनुकम्पा को उन्होंने साजिश करार दिया है. उन्होंने अपने सभी साथियों के सहयोग के लिए धन्यवाद दिया.
सहारनपुर जातीय हिंसा के बाद चंद्रशेखर रावण को राष्ट्रीय पहचान मिली है. वो मायावती के बाद सबसे बड़े दलित चेहरे के रूप में माने जा रहे हैं. मायावती के कार्यकाल की सराहना कई राजनीतिक मायने भी निकलने लगे हैं.