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BSF बार-बार पाक रेंजर्स को फोन लगाता रहा, घंटी बजती रही, लेकिन किसी ने उठाया तक नहीं

नई दिल्‍ली । जहां एक तरफ पाकिस्तान के नए प्रधानमंत्री इमरान खान भारत से रिश्ते सुधारने की बात कर रहे हैं, वहीं पाकिस्तान की बॉर्डर एक्शन टीम (बैट) ने चुपचाप घात लगाकर बीएसएफ के जवान नरेंद्र कुमार की हत्या कर दी. जब पिछले मंगलवार को सीमा पर गश्त लगाने निकले अपने जवान नरेन्द्र कुमार के गायब होने की जानकारी सामने आई तो बीएसएफ के अधिकारियों के हाथ पैर फूल गए. आनन-फानन में तलाशी शुरू की गई, लेकिन शहीद जवान की कोई भी जानकारी नही मिल रही थी, लेकिन उसके बाद जो हुआ वो और भी परेशान कर देने वाला था.

BSF के जवान नरेंद्र कुमार की हत्या के मामले में नया खुलासा
जब BSF को अपने जवान नरेंद्र कुमार के गायब होने की जानकारी मिली तो करीब 2 बजे BSF ने पाकिस्तानी रेंजर्स के अधिकारियों को फोन किया, लेकिन फोन की घंटी बजती रही और पाकिस्तानी रेंजर्स ने फोन नहीं उठाया. करीब तीन बार कॉल करने के बाद पाकिस्तानी रेंजर्स फोन पर आए और उन्होंने कहा कि वह अपने सीनियर अधिकारियों को इसके बारे में जानकारी देंगे. काफी देर तक इंतजार करने के बाद पाकिस्तानी रेंजर्स ने फोन पर BSF के अधिकारियों से बातचीत की और इससे वह साफ मुकर गए कि उन्होंने अपनी तरफ से BSF के पोस्ट पर किसी भी तरीके की फायरिंग की है. यहां तक की उन्होंने इस बात से भी इनकार कर दिया कि उनके पास कि उन्होंने बीएसएफ जवान को अगवा किया है.

When Dilip Kumar shout at Pakistan PM for Atal Bihari Vajpayee about Kargil war

इसके बाद BSF ने पाकिस्तानी रेंजर से कहा कि वह बॉर्डर पर जाकर के अपने गायब हुए जवान की खोजबीन करना चाहते हैं और ऐसे में पाकिस्तानी रेंजर्स किसी भी तरीके की फायर ना करें. करीब 5 बजे पाकिस्तान इस बात के लिए तैयार हुआ कि BSF पार्टी सीमा पर आ सकती है.

भारत और पाकिस्तान के डीजीएमओ लेवल पर हुई बातचीत
बीएसएफ पूरे वक्त परेशान थी कि उसका जवान कहां है. थक हारकर BSF के अधिकारियों ने भारतीय सेना के अधिकारियों को फोन करके कहा कि वह डीजीएमओ स्तर पर पाकिस्तान से उठाएं. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक करीब 2:30 बजे भारत और पाकिस्तान के डीजीएमओ लेवल पर बातचीत हुई, जिसमें सेना ने भी पाकिस्तान से BSF के जवान के बारे में जानकारी मांगी, लेकिन एक बार फिर से पाकिस्तान ने किसी भी जानकारी को शेयर करने से मना कर दिया और यहां तक इस बात से इनकार करते रहे कि उनकी तरफ से गोली नहीं चली है. हालांकि हैरान करने वाली बात यह है कि BSF ने इस पूरे मामले पर चुप्पी साध ली है.

नरेंद्र सिंह अपनी पार्टी से बिछड़ गए थे
नरेंद्र सिंह का शव उनके लापता होने के करीब 6 घंटे बाद मिला. बीएसएफ के बयान में कहा गया है कि मंगलवार सुबह 10.40 मिनट पर रामगढ़ सेक्‍टर पर पाकिस्‍तान की ओर से फायरिंग शुरू हो गई. उस समय वहां बीएसएफ की एक पार्टी मौजूद थी. वह पेट्रोलिंग पर निकली थी. इस दौरान ही नरेंद्र सिंह अपनी पार्टी से बिछड़ गए. बीएसएफ ने उनकी खोजबीन शुरू की. पाकिस्‍तानी रेंजरों से भी इसमें मदद मांगी गई. पेट्रोलिंग के पहले बीएसएफ ने पाकिस्‍तानी रेंजरों को यह खबर भिजवाई गई थी कि उसकी पार्टी उस एरिया में निकलेगी. यह सूचना स्‍टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर (SOP) के तहत साझा की गई थी. सूचना में बताया गया था कि 176 बटालियन के 8 जवान उस एरिया में निकले हैं, लेकिन पाकिस्‍तान की बॉर्डर एक्‍शन टीम ने नापाक हरकत कर डाली.

भारत ने जताया कड़ा विरोध
भारत ने सैन्य अभियान निदेशालय स्तर की वार्ता के दौरान बीएसएफ जवान की हत्या पर पाकिस्तान के समक्ष विरोध दर्ज कराया है. सेना के सूत्रों ने कहा, ‘बातचीत के दौरान भारत ने अंतरराष्ट्रीय सीमा पर बीएसएफ जवान को निशाना बनाकर किए गए संघर्षविराम उल्लंघन के खिलाफ विरोध दर्ज कराया.’ घटना के बाद सुरक्षाबलों ने अंतरराष्ट्रीय सीमा और नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर ‘हाई अलर्ट’ जारी कर दिया गया था. सूत्रों ने बताया कि हेड कांस्टेबल कुमार को 3 गोली लगीं और उनका शव छह घंटे के बाद भारत-पाक बाड़बंदी के पास मिल पाया, क्योंकि पाकिस्तानी पक्ष ने सीमा पर संयम बनाए रखने और बीएसएफ के खोजी दलों पर गोलीबारी न होना सुनिश्चित करने के आह्वान पर ‘कोई प्रतिक्रिया नहीं दी.

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