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PoK के इस शख्स ने इमरान को बताया तालिबान खान, कहा-दुनिया को मूर्ख बना रहा है पाकिस्तान

जिनेवा (स्विटजरलैंड)। हाल में पाकिस्तान के नए प्रधानमंत्री बने इमरान खान के खिलाफ पहली आवाज पाकिस्तान के अवैध कश्मीर वाले हिस्से से ही उठी है. पीओके में एक मानवाधिकार कार्यकर्ता ने इमरान खान पर तीखा हमला बोलते हुए उन्हें तालिबान खान बताया है. डॉ. शबीर चौधरी ने संयुक्त राष्ट्र में कहा है कि पाकिस्तान पूरी विश्व बिरादरी को मूर्ख बना रहा है. वह अब भी आतंकवाद को पालने वाले सबसे बड़ा मुल्क है.

जिनेवा में होने वाले 39वें यूएन ह्यूमन राइट सेशन के अलावा एक और कार्यक्रम में बोलते हुए शबीर चौधरी ने कहा, जब से पाकिस्तान में इमरान खान की सरकार आई है, हालात और खराब हो गए हैं. चौधरी ने इमरान को तालिबान खान कहकर संबोधित किया. उन्होंने कहा, इमरान खान की नई सरकार ने हालिया पेश किए गए बजट में केपीके (खैबर पख्तूनवा) मदरसों को 30 करोड़ की सहायता दी है. इसे तालिबान यूनिवर्सिटी भी कहा जाता है. चौधरी ने कहा, जब आधिकारिक तौर पर ऐसी यूनिवर्सिटी को 30 करोड़ की सहायता मिली है तो अनाधिकारिक तौर पर कितनी होगी. इस सरकार के आने पर कट्टर समूहों को जमकर समर्थन दिया गया है.

चौधरी के साथ दूसरे पीओके एक्टिविस्ट ने कहा, देश में इमरान खान की सरकार आने के बाद आतंकवाद और कट्टरता बढ़ी है. यूनाइटेड कश्मीर पीपुल्स पार्टी के चेयरमैन शौकत अली कश्मीरी ने कहा, ‘पीओके दशकों से आतंकवाद को पालने वाला गढ़ रहा है. पाकिस्तान की एजेंसियों ने पीओके में बाकायदा एक इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार किया हुआ है. यहीं से बाकी के कश्मीर में आतंकवाद फैलाया जाता है. ये एक लॉन्चिंग पैड का काम करता है.’

उन्होंने आगे कहा, ‘हमारे पास पूरी जानकारी है कि पाकिस्तान ने अपनी नीतियों में कोई बदलाव नहीं किया है. वह अपने बयानों से सिर्फ अंतरराष्ट्रीय बिरादरी को बरगलाने का काम कर रहे हैं. वहां आतंकवादियों के कैंप अब तक वैसे ही चल रहे हैं.’ मुजफ्फराबाद और पीओके के दूसरे हिस्सों में पानी को लेकर चल रहे विरोध प्रदर्शन पर डॉ. चौधरी ने कहा, आतंकवादियों को सरकार की ओर से बाकायदा लाइसेंस दिया गया है. अगर लोग उनकी बात नहीं मानते तो वह उन्हें मार देते हैं.

गौरतलब है कि पाकिस्तानी पीएम इमरान खान ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर अपील की थी कि दोनों देशों के विदेश मंत्री यूएन में मिलने से पहले एक और बैठक करें. इस बात पर दोनों देशों में सहमति बन गई है.

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