नई दिल्ली। खेल मंत्रालय ने स्टार पहलवान बजरंग पूनिया के बदले भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली को वेटलिफ्टर मीराबाई चानू के साथ संयुक्त रूप से राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार के लिए चुने जाने का स्पष्टीकरण दिया है.
बजरंग पूनिया का कहना है कि इस साल गोल्ड कोस्ट कॉमनवेल्थ और जकार्ता एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतने के बावजूद उन्हें इस प्रतिष्ठित पुरस्कार के लिए नहीं चुना गया. पूनिया ने खेल मंत्रालय और पुरस्कार समिति पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा कि खेल रत्न के लिए जब उनके अंक ज्यादा थे, तो उन्हें कैसे इस पुरस्कार के लिए नहीं चुना गया.
राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार न मिलने से निराश बजरंग पूनिया ने शुक्रवार को खेल मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ से मुलाकात की थी. लेकिन पूनिया ने कहा कि उन्हें अनुकूल जवाब नहीं मिला.
हालांकि, खेल मंत्रालय ने खेल रत्न की चयन प्रक्रिया के मानदंडों को स्पष्ट करने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया है और स्पष्ट किया कि इसके लिए अलग-अलग मानकों द्वारा विभिन्न खेलों का फैसला किया जाता है.
‘विराट कोहली आईसीसी रैंकिंग के 3 प्रारूपों में से 2 में टॉप पर हैं, जबकि मीराबाई चानू वर्तमान में ओलंपिक खेल में एकमात्र भारतीय विश्व चैंपियन हैं.’ इसी आधार पर खेल मंत्रालय की ओर से दोनों खिलाड़ियों को खेल रत्न के लिए चुना गया है.
खेल मंत्रालय ने देश के सबसे बड़े खेल पुरस्कार पर गुरुवार को मुहर लगा दी थी. यह सम्मान 25 सितंबर को राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के हाथों दिए जाएंगे. कोहली और चानू को मेडल और प्रशस्ति पत्र सहित 7.5 लाख रुपये का पुरस्कार दिया जाएगा.