नई दिल्ली। मोबाइल फोन की कॉल ड्रॉप की समस्या से हम और आप ही नहीं जूझ रहे हैं बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी इसकी वजह से दिक्कतें हुईं. लिहाजा प्रधानमंत्री ने टेलीकॉम विभाग को इस समस्या का तकनीकी हल खोजने के आदेश देते हुए कहा है कि मोबाइल ऑपरेटरों को यह सुनिश्चित करना होगा कि वे अपने ग्राहकों को उच्च स्तर की संतुष्ट करने वाली सेवाएं दें.
द टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक प्रधानमंत्री जब प्रगति समीक्षा बैठक कर रहे थे तो उन्होंने अपना अनुभव साझा करते हुए कहा कि दिल्ली एयरपोर्ट से लेकर आधिकारिक आवास तक की यात्रा के दौरान उनको कॉल ड्रॉप की समस्या से जूझना पड़ा. इस रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि पीएम मोदी ने जिक्र किया कि दिल्ली एयरपोर्ट से बाहर निकलने के बाद लोग कॉल के लिए फोन से अक्सर जूझते दिखते हैं और यह एक राष्ट्रीय समस्या बन गई है. ऐसे में ग्राहकों की दिक्कतों को दूर करने के लिए तत्काल कदम उठाए जाने की जरूरत है.
प्रगति समीक्षा बैठक
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दूरसंचार क्षेत्र की शिकायतों के समाधान की समीक्षा करते हुए कहा कि दूरसंचार सेवा प्रदाताओं को उपभोक्ता संतुष्टि का “उच्च स्तर” सुनिश्चित करने की आवश्यकता है. प्रधानमंत्री बुधवार को प्रगति– सूचना और संचार प्रौद्योगिकी आधारित, समर्थक सक्रिय प्रशासन के लिए बहु-उद्देशीय मंच और विभिन्न परियोजनाओं के समय पर कार्यान्वयन के जरिए – 29 वीं बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे. बैठक के बाद जारी बयान में कहा गया है कि हाल ही में किए गए प्रौद्योगिकी हस्तक्षेप सहित शिकायतों के समाधान में हुई प्रगति के बारे में प्रधानमंत्री को बताया गया.
इसमें कहा गया है, “प्रधानमंत्री ने कहा कि दूरसंचार क्षेत्र से संबंधित मुद्दों का समाधान नवीनतम तकनीकों पर आधारित होना चाहिए. उन्होंने जोर दिया कि सेवा प्रदाताओं को उपभोक्ताओं को उच्च स्तर की संतुष्टि प्रदान करनी चाहिए.” बयान में कहा गया है कि प्रधानमंत्री ने इसके अलावा रेलवे, शहरी विकास, सड़क, बिजली और कोयला क्षेत्रों में आठ महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे परियोजनाओं की प्रगति की भी समीक्षा की. इसके अनुसार ये परियोजनाएं उत्तर प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, हरियाणा, गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक, झारखंड, उड़ीसा और पश्चिम बंगाल सहित कई राज्यों में फैली हुई हैं.
इसके साथ ही पीएम मोदी ने प्रधानमंत्री खनिज क्षेत्र कल्याण योजना के कामकाज में विशेष रूप से डिस्ट्रिक्ट मिनरल फाउंडेशन के कामकाज की प्रगति की समीक्षा की. खनिज संपदा से कई जिलों में संसाधनों की उपलब्धता पर जोर देते हुए उन्होंने केंद्र और राज्य स्तर के अधिकारियों से लोगों के जीवन स्तर में गुणात्मक सुधार लाने में फंड का इस्तेमाल करने और इन जिलों में लोगों का सहज जीवन सुनिश्चित करने का आग्रह किया. उन्होंने यह भी कहा कि इन जिलों में आकांक्षी जिलों को शामिल करने का यह एक सुअवसर भी है.
अब तक परियोजनाओं की समीक्षा के लिए ‘प्रगति’ की 28 बैठक हो चुकी हैं जिनमें कुल 11.75 लाख करोड़ मूल्य की परियोजनाओं की समीक्षा की गई.