नई दिल्ली। 1994 में सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम व्यवस्था देते हुए कहा था कि मस्जिद, इस्लाम का अभिन्न हिस्सा नहीं है. अब इस मामले में राम जन्म भूमि-बाबरी मस्जिद मालिकाना हक विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के 1994 के फैसले पर बड़ी पीठ द्वारा पुनर्विचार करने की मांग करने वाली मुस्लिम समूह की याचिकाओं पर 27 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट के अपना फैसला सुनाएंगी. इस मसले पर ज़ी न्यूज से खास बातचीत करते हुए योग गुरु बाबा रामदेव ने कहा कि भगवान राम राजनीति का मुद्दा नहीं हैं. वो देश की अस्मिता हैं और देश का स्वाभीमान उनसे जुड़ा है, इसलिए धर्म के नाम के पर जहर न फैलाया जाए.
उन्होंने कहा सृष्टि के कण कण में परमात्मा है, अल्लाह है. मुस्लमान भाई कहते हैं अल्लाह एक ही है. सृष्टि के कण-कण में हैं. सारी कायनात में है, उसके लिए एक जगह विशेष का महत्व नहीं है. उन्होंने कहा देश के सिंघासन के लिए उस राम के नाम पर घमासान हो रहा है, जो मर्यादा में जीए, जिन्होंने माता- पिता के लिए सिंघासन का त्याग कर दिया.
उन्होंने गीता का हवाला देते हुए कहा कि गीता में लिखा है कि अच्छे कर्म करो. उन्होंने कहा कि राम, शिव, कृष्ण की पूजा करने का मतलब उनकी छवि को धारण करना मात्र नहीं होता, पूजा करने काम मतलब है जीवन को उनकी तरह जियो. उन्होंने कहा ये दुर्भाग्य ही है कि हम धर्म की बात करते हैं सिंघासन के लिए कर रहे हैं.