नई दिल्ली। जीएसटी काउंसिल की 30वीं अहम बैठक आज दिल्ली में होनी है. यह बैठक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए होगी. इसमें कुछ राज्यों के सेस कलेक्शन में आई कमी पर चर्चा हो सकती है. साथ ही केरल को प्राकृतिक आपदा राहत के लिए सेस लगाने का प्रस्ताव है. जीएसटी काउंसिल की बैठक 2-3 फीसदी प्राकृतिक आपदा राहत सेस लगाने का प्रस्ताव है. बैठक में राज्यों के राजस्व कलेक्शन में आई कमी पर चर्चा होगी. दरअसल, आधा दर्जन राज्यों के कलेक्शन में कमी आई है.
राज्यों को मिल सकता है टारगेट
जीएसटी काउंसिल राज्यों को जीएसटी कलेक्शन का मंथली टारगेट भी दे सकती है. केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता में काउंसिल की बैठक होगी, जिसमें सेस के प्रस्ताव पर विचार किया जाएगा. केरल को वित्तीय मदद मुहैया कराए जाने के लिए काउंसिल में लाए गए प्रस्ताव से हिमाचल प्रदेश समेत पूर्वोत्तर राज्यों को भी फायदा होगा. इन राज्यों में इस साल बाढ़ से काफी नुकसान हुआ है.
सिगरेट पर लगाया जा सकता है सेस
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, जीएसटी काउंसिल की बैठक में आपदा सेस को सिगरेट पर लगाने पर विचार होगा. इससे सिगरेट के महंगे होने के भी आसार हैं. इन्वेस्टमेंट कंपनी CLSA ने एक रिपोर्ट जारी की है. इस रिपोर्ट के मुताबिक, आज होने वाली जीएसटी काउंसिल की बैठक में आपदा सेस लगाने पर फैसला हो सकता है. CLSA के मुताबिक, आपदा सेस की शुरुआत केरल से हो सकती है.
5-6 फीसदी महंगी हो सकती है सिगरेट
CLSA ने कहा है कि सिगरेट पर सेस लगने से आईटीसी सिगरेट के दाम 5-6 फीसदी बढ़ा सकती है. सिगरेट पर लगने वाले आपदा सेस से होने वाली अतिरिक्त कमाई का इस्तेमाल केरल को बहाल करने के लिए किया जाएगा. आपको बता दें, पिछले दिनों केरल में आई बाढ़ से वहां करोड़ों रुपए का नुकसान हुआ था. हालांकि, सिगरेट पर लगने वाले सेस से सिगरेट के दाम पर कोई परिवर्तन नहीं होता. लेकिन, आपदा सेस लगने की स्थिति में कंपनियां सिगरेट के दाम बढ़ा सकती हैं. ऐसे में रिटेल में बिकने वाली सिगरेट के दाम में इजाफा हो सकता है.
स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी की थी सिफारिश
फरवरी 2018 में स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी सिगेरट, जर्दा और खैनी पर सेस लगाने की सिफारिश की थी. सेहत को होने वाले नुकसान को देखते हुए इस पर सेस बढ़ाया जाना था. हालांकि, अभी तक ऐसा नहीं हुआ. स्वास्थ्य मंत्रालय ने इसके लिए वित्त मंत्रालय को एक प्रस्ताव भी भेजा था. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, जर्दे पर सेस 250 फीसदी करने और सिगरेट पर सेस 20 फीसदी करने का प्रस्ताव भेजा गया था.
पिछले साल भी बढ़ाया गया था सेस
पिछले साल भी सिगरेट पर अतिरिक्त सेस लगाया गया था. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, अतिरिक्त सेस से सरकार 5000 करोड़ का रेवेन्यू हासिल करने का अनुमान है. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा था कि जीएसटी दरें तय होने के बाद विसंगति की वजह से सिगरेट बनाने वाली कंपनियां ‘अप्रत्याशित’ लाभ कमा रही थीं और इसी के मद्देनजर यह कदम उठाया गया. हालांकि, सेस में बढ़ोतरी से सिगरेट कीमतों में बदलाव नहीं होगा.