लखनऊ/हैदरगढ़। बाराबंकी में किराए पर कमरा लेकर हैदरगढ़ कोतवाली में तैनात महिला सिपाही का शव सुबह अपने कमरे में फंदे से लटकता मिला। महिला सिपाही ने अपने सुसाइड नोट में थाना प्रभारी व अन्य पर प्रताड़ना का आरोप लगाया। स्थानीय पुलिस कई घंटे तक सुसाइट नोट को छुपाने का प्रयास करती रही। घटना की सूचना पाकर मौके पर एएसपी समेत अन्य अधिकारी पहुंचे।
हरदोई जनपद की रहने वाली महिला सिपाही मोनिका हैदरगढ़ कोतवाली में तैनात थी। वह हैदरगढ़ कस्बे के मितईपुरवा वार्ड में अक्षय कुमार के मकान में किराए पर रहती थी। रविवार को मोनिका का फोन ना मिलने पर पड़ोस में रहने वाला दूसरा सिपाही उसे खोजते हुए घर पर आया। खटखटाने पर जब कमरा नहीं खुला तो उसने धक्का मारा तो दरवाजा खुल गया। कमरे के अंदर मोनिका का शव पंखे में रस्सी के फंदे पर लटका हुआ था। सिपाही ने इसकी सूचना कोतवाली को दी तो हड़कंप मच गया आनन-फानन में मौके पर इंस्पेक्टर समेत पुलिस बल पहुंच गया। मोनिका के शव को फंदे से उतारा गया पुलिस ने मोनिका के परिजनों को घटना की सूचना फोन से दे दी।
और सार्वजनिक हो गया सुसाइड नोट
महिला सिपाही मोनिका के कमरे में सुसाइड नोट मिला मगर हैदरगढ़ पुलिस मैं उसे छुपा लिया। कई घंटे के बाद वह सुसाइड नोट व्हाट्सएप पर वायरल हो गया। सुसाइड नोट में मोनिका ने लिखा है कि वह थाने में क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क सिस्टम (सीसीटीएनएस) मैं काम करती है इसके बावजूद लगातार उसकी ड्यूटी बाहर नियम विरुद्ध लगाई जाती है। इसका जब मैंने विरोध किया तो थाने पर तैनात कांस्टेबल मोहर्रिर रुखसार अहमद व एसएचओ परशुराम ओझा द्वारा मुझे प्रताड़ित किया जाने लगा। मेरी गैरहाजिरी की रपट भी लिख दी। 29 सितंबर को जब मैं छुट्टी का प्रार्थना पत्र लेकर एसएचओ परशुराम ओझा के पास गई तो उन्होंने रजिस्टर फेंक दिया और कहा कि मैं छुट्टी नहीं दूंगा, सीओ से जाकर मिलो। मोनिका ने अपने पत्र में लिखा कि छुट्टी अधिकार होता है उसके लिए भी अगर उच्चाधिकारियों के सामने भीख मांगने पड़े तो यह ठीक नहीं है। अगर मुझे छुट्टी दे दी जाती तो यह कदम मै ना उठाती। अंत में उसने अपने मम्मी पापा को सॉरी बोलते हुए माफी मांगी है। इस पूरे मामले में अभी पुलिस अधिकारी कुछ भी कहने से बच रहे हैं। एसपी वीपी श्रीवास्तव ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है अभी तक सुसाइड नोट की कोई सूचना नहीं है।