बुलंदशहर/लखनऊ। उत्तर प्रदेश में बेहतर कानून व्यवस्था का दावा करना अब योगी सरकार के लिए मुसीबत बनता जा रहा है. खराब कानून-व्यवस्था को मुद्दा बनाकर बीजेपी यूपी की सत्ता में आई लेकिन अब यूपी में कानून के रखवालों ने ही चोरी और डकैती की वारदात को अंजाम दिया.
उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में पुलिस द्वारा दिनदहाड़े डकैती का मामला सामने आया है. बुलंदशहर के खुर्जा कोतवाली में तैनात पांच दरोगा समेत 13 पुलिसवालों के खिलाफ कोर्ट के आदेश के बाद डकैती का मुकदमा दर्ज किया गया है.
दरअसल, बुलंदशहर की खुर्जा पुलिस ने 8 सितंबर को क्षेत्र के एक घर में दिनदहाड़े घुसकर 84 हज़ार रुपये की नकदी और दो बाइक लूटीं. लुटेरी पुलिस ने दिन में जिस व्यक्ति के घर से डकैती की उसे ही उसके एक साथी के साथ लुटेरा बनाकर जेल भेज दिया. पुलिस ने दावा किया कि पकड़े गए लुटेरों के पास से हथियार और मादक पदार्थ बरामद हुए हैं.
पुलिस की डकैती की वारदात सीसीटीवी में रिकॉर्ड होने पर पीड़ित पक्ष ने 20 सितंबर को न्यायालय का रुख किया और याचिका दायर की. पीड़ित पक्ष ने याचिका में शिवप्रकाश , जबर सिंह , धर्मेंद्र शर्मा और संदीप, विपिन कुमार दरोगा और 12 सिपाहियों को नामजद किया. कोर्ट ने 25 सितंबर को सबूत और तथ्यों के आधार पर खुर्जा थाने के पांच दारोगा और 13 पुलिसकर्मियों पर केस दर्ज करने का आदेश दिया. जिसके बाद आईपीसी की धारा 395 के तहत खुर्जा कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कर ली गई.