कोलकाता। अदाकारा काजोल ने मंगलवार को ‘मी टू’ अभियान की सराहना करते हुए कहा कि इसने यौन शोषण के मामलों से जुड़ी शर्मिंदगी को दूर किया है. फिल्म के प्रचार के दौरान ‘मी टू’ अभियान पर किए सवाल पर काजोल ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि इस अभियान ने घटना से जुड़े अपमान और शर्मिंदगी को दूर करने का काम किया है.’’
‘मी टू’ ने एक लहर चला दी है जिससे मनोरंजन और मीडिया जगत से जुड़ी अधिक से अधिक महिलाएं यौन शोषण से जुड़े अपने अनुभव साझा कर रही हैं. उन्होंने पत्रकारों से कहा, ‘‘सबसे महत्वपूर्ण बात इससे जुड़ी शर्मिंदगी को दूर करना है, लोग अब ऐसे मुकाम पर पहुंच गए हैं जहां वे एक सीमा रेखा खींच सकते हैं और उनके पास मौका यह कहने का है कि ‘इसके बाद और नहीं’.’’
अभिनेत्री तनुश्री दत्ता के नाना पाटेकर पर साल 2008 में एक फिल्म के सेट पर बदसलूकी करने का आरोप लगाने के बाद भारत में ‘मी टू’ अभियान शुरू हुआ. जिसके बाद अब तक कैलाश खेर, विकास बहल, चेतन भगत, रजत कपूर और आलोक नाथ जैसे कई बड़े सितारों के नाम इस अभियान के तहत सामने आ चुके हैं.
क्या है तनुश्री दत्ता का मामला ?
साल 2008 में तनुश्री दत्ता एक फिल्म ‘हॉर्न ओके’ प्लीज के लिए एक डांस नंबर शूट कर रही थी इसी दौरान एक नामी एक्टर ने उनके साथ बदसलूकी की. तनुश्री ने बताया ,”उसने हाथ पकड़ा और मुझे अपनी ओर खींचा. साथ ही कोरियोग्राफर को कहा कि वो पीछे ही रहे और वो मुझे सिखाने लगा कि डांस कैसे करते हैं. यहां तक कि वो मेरे साथ फिल्म में एक इंटिमेट सीन सीक्वेंस भी फिल्माना चाहते थे. जबकि मेरे कॉन्ट्रेक्ट में ये साफ तौर पर लिखा था कि मेरा ये डांस सीक्वेंस सोलो यानी अकेले ही होगा.”
इतना ही नहीं तनुश्री ने बताया, कि जब उन्होंने इसकी शिकायत फिल्म के निर्माता निर्देशक से की तो किसी ने भी उनकी बात को सुनना जरूरी नहीं समझा बल्कि उन्होंने नाना पाटेकर का साथ दिया. इस सबसे परेशान होकर जब तनुश्री ने शूटिंग करने से इंकार कर दिया तो उन्होंने वहां राजनीतिक पार्टी एमएनएस के लोगों को बुलवाकर उन पर और उनके परिवार पर हमला भी करवाया.