लखनऊ। मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, तेलंगाना और मिजोरम में होने जा रहे विधानसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश की अहम भूमिका होगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ स्टार प्रचारक के रूप में इन राज्यों में हिंदुत्व और विकास के एजेंडे को धार देंगे, जबकि बसपा अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री मायावती और सपा अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव उत्तर प्रदेश की योगी और केंद्र की मोदी सरकार पर हमलावर होंगे।
राजनीतिक दल तैयार कर रहे अपनी जमीन
पांचों राज्यों में अलग-अलग चरणों में दिसंबर तक चुनाव संपन्न होने हैं। इस बीच भाजपा और कांग्रेस के अलावा उत्तर प्रदेश की पृष्ठभूमि वाले राजनीतिक दलों ने भी अपनी जमीन तैयार करनी शुरू कर दी है। भाजपा ने चुनाव प्रचार में उत्तर प्रदेश की भूमिका पर मंथन शुरू कर दिया है। योगी के अलावा दोनों उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और डॉ. दिनेश शर्मा की महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी। मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में प्रदेश अध्यक्ष डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय, चुनावी प्रबंधन के विशेषज्ञ स्वतंत्र प्रभार के मंत्री स्वतंत्र देव सिंह और डॉ. महेंद्र सिंह के अनुभवों का पार्टी लाभ उठाएगी।
स्वतंत्रदेव मध्यप्रदेश और महेंद्र सिंह छत्तीसगढ़
स्वतंत्रदेव सिंह मध्यप्रदेश में दौरे कर रहे हैं जबकि महेंद्र सिंह को छत्तीसगढ़ भेजा गया है। भाजपा प्रदेश महामंत्री संगठन सुनील बंसल ने प्रारंभिक रूपरेखा तय कर दी है। केंद्रीय नेतृत्व से भी स्टार प्रचारकों के नाम पर समन्वय होना है। पिछले पांच राज्यों के चुनाव में योगी स्टार प्रचारक के रूप में धूम मचा चुके हैं। मुख्यमंत्री बनने के बाद मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान का दौरा भी किये थे। राजस्थान में नाथ संप्रदाय का प्रभाव भी है।
मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में मायावती का दखल
चुनाव होने वाले पांचों राज्यों में बसपा का संगठन है लेकिन, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान पर विशेष जोर है। मायावती ने छत्तीसगढ़ में पूर्व मुख्यमंत्री अजित जोगी की पार्टी से गठबंधन किया है। इन तीनों राज्यों में कांग्रेस को झटका दे चुकी मायावती अपना जनाधार मजबूत करने में जुटी हैं और वोटरों को रिझाने के लिए पार्टी कार्ययोजना को अंतिम रूप देने में लगी है। मध्यप्रदेश में कुछ क्षेत्रीय दलों से उनकी बातचीत चल रही है।
मध्यप्रदेश में चार बार दौरा कर चुके अखिलेश
सपा अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव मध्यप्रदेश में लगातार दौरे कर रहे हैं। अब तक उनके चार दौरे हो चुके हैं। वहां कांग्रेस से संबंध तोड़ चुके अखिलेश ने क्षेत्रीय क्षत्रपों के बूते समाजवादी साइकिल दौड़ाने की जुगत लगाई है। वह छत्तीसगढ़ और राजस्थान को भी भांप रहे हैं।