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पृथ्वी शॉ की सहवाग से तुलना, गांगुली के बाद गंभीर ने भी जताया एतराज

राजकोट टेस्ट में अपने करियर का पहला टेस्ट खेल रहे पृथ्वी शॉ ने शानदार शतक लगाकर कई लोगों का दिल जीता. शॉ ने वेस्टइंडीज के खिलाफ केवल 99 गेंदों पर यह शतक लगाया तो कुछ दिग्गजों सहित कई लोगों को वीरेंद्र सहवाग की याद आ गई. लोगों ने यहां तक कह दिया की टीम इंडिया को दूसरा वीरेंद्र सहवाग मिल गया. वीरू से तुलना पर सौरव गांगुली ने भी आपत्ति दर्ज कर की. इसी कड़ी में अब गौतम गंभीर का नाम सामने आया है.

सहवाग से पृथ्वी की तुलना की कई वजहें भी थी. शॉ ने सहवाग की तरह अपने करियर के पहले टेस्ट में शतक लगाया था.  इसके अलावा शॉ जिस अंदाज में वेस्टइंडीज के गेंदबाजों पर हावी हुए सबसे पहले कॉमेंट्री कर रहे वीवीएस लक्ष्मण को उनमें सहवाग नजर आए. इसके अलावा सुरेश रैना को भी शॉ में वीरू की झलक दिखाई दी. लेकिन इंडिया के पू्र्व कप्तान सौरव गांगुली इस बात से सहमत नहीं थे कि शॉ की तुलना सहवाग से की जाए.

गंभीर ने की शॉ की तारीफ, तुलना ठीक नहीं मानी
वहीं भारतीय टीम से बाहर चल रहे गौतम गंभीर ने पृथ्वी शॉ की प्रशंसा करते हुए कहा कि लोगों को उनके पूर्व सलामी साझेदार वीरेंद्र सहवाग से इस युवा की तुलना करने से पहले दो बार सोचना चाहिए. गंभीर ने एक कार्यक्रम के इतर बुधवार को पत्रकारों से कहा, ‘‘जो भी पृथ्वी की तुलना सहवाग से कर रहा है, उसे तुलना करने से पहले दो बार सोचना चाहिए. आखिर में आपको किसी की तुलना किसी से नहीं करनी चाहिए. पृथ्वी ने अपना करियर अभी शुरू ही किया है और अभी उसे लंबा सफर तय करना है. मैं कभी भी तुलना में विश्वास नहीं करता. ’’

यह है दोनों की तुलना न करने की वजह
उन्होंने कहा, ‘‘पृथ्वी अलग प्रतिभा का खिलाड़ी है और सहवाग की अपनी विशेषता है. पृथ्वी ने अभी अपना करियर शुरू किया है जबकि सहवाग जैसा खिलाड़ी 100 टेस्ट मैच खेल चुका है.’’ गंभीर ने कहा, ‘‘निश्चित रूप से वह (पृथ्वी) प्रभावशाली है. वह काफी प्रतिभाशाली है और इसलिये वह खेल रहा है. सबसे अहम चीज है कि उसे अपना टेस्ट करियर अच्छी तरह से शुरू किया है लेकिन आगे उसे कई बड़ी चुनौतियों का सामना करना होगा. ’’

शॉ ने मैच में 154 गेंदों पर 134 रन बनाए. शॉ इसके साथ ही मोहम्मद अजहरुद्दीन, लाला अमरनाथ, सौरभ गांगुली, शिखर धवन, सुरेश रैना और सहवाग जैसे दिग्गजों की सूची में शामिल हो गए हैं जिन्होंने अपने पदार्पण टेस्ट में शतक बनाए थे.

सहवाग जीनियस थे, उनसे तुलना मत कीजिए: गांगुली
गांगुली ने अपने शॉ के प्रदर्शन को शानदार बताया लेकिन साथ वीरेंद्र सहवाग से उनकी तुलना करने की खबरों को खारिज कर दिया था. उन्होंने कहा था कि शॉ को अभी और समय देना चाहिए ताकि वह विश्व में कहीं भी रन बना सके. गांगुली ने कहा था, “उनकी तुलना सहवाग से मत कीजिए. सहवाग एक जीनियस थे. उन्हें अभी विश्व का दौरा करने दीजिए. मुझे विश्वास हैं कि वे ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड और दक्षिण अफ्रीका में रन बनाएंगे.”

शॉ की बल्लेबाजी की तारीफ भी की दादा ने
शॉ की बल्लेबाजी के बारे में पूछे जाने पर गांगुली ने कहा था कि बल्लेबाजी के प्रति यह उनका स्वभाव और रवैया है जिसने उन्हें सबसे ज्यादा प्रभावित किया है. पूर्व भारतीय कप्तान ने कहा, “बल्लेबाजी करने के लिए यह उनकी सकारात्मकता, स्वभाव और जो रवैया है वह शानदार है. अंडर-19 विश्वकप खेलना और भारत के लिए टेस्ट मैच खेलना पूरी तरह से अलग है. मैंने आज जो देखा वह आंखों को सकून देने वाला था. मुझे उम्मीद है कि वह भारत के लिए लंबे समय तक खेल सकते हैं.” गांगुली ने कहा था, “यह अभी भी शुरूआती दिन है और उन्हें अभी विश्व का दौरा करना है. लेकिन उन्हें बधाई. मुझे लगता है कि आज वह बिल्कुल अद्भुत था.”

लक्ष्मण ने बताया था शॉ को सहवाग जैसा
उल्लेखनीय है कि इस टेस्ट मैच की लाइव कॉमेंट्री कर रहे  वीवीएस लक्ष्मण ने लंच ब्रेक के बाद पृथ्वी शॉ की जमकर तारीफ करते हुए उनकी तुलना सहवाग से की थी. उन्होंने मैच का लाइव प्रसारण कर रहे स्टार स्पोर्ट्स से कहा कि पृथ्वी की बैटिंग देखकर कहा जा सकता है कि देश को नया सहवाग मिल गया है. पृथ्वी वीरेंद्र सहवाग स्टाइल ऑफ स्कूल से निकले क्रिकेटर हैं, जो पूरी निडरता से खेलता है. वे अच्छे शॉट खेल रहे हैं. उम्मीद है कि वे जिस तरह यहां बैटिंग कर रहे हैं, वैसा ही ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के खिलाफ भी खेलेंगे.

रैना को भी शॉ लगे थे सहवाग जैसे
रैना ने भी कहा पृथ्वी की तारीफ करते हुए  कहा था , “पृथ्वी ने बहुत अच्छी बल्लेबाजी की. उन्होंने मुझे वीरू (सहवाग) की याद दी है। पृथ्वी ने बिल्कुल निडर होकर अपना खेल खेला. उन्होंने जिस तरह के शॉट खेले वह एक क्लास को दर्शाता है.” रैना ने भी 2010 में कोलंबो में श्रीलंका के खिलाफ अपने पदार्पण टेस्ट में 120 रन की शतकीय पारी खेली थी.

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