तिरूवनंतपुरम/नई दिल्ली। केरल के प्रसिद्ध सबरीमाला मंदिर के कपाट आज खुलने जा रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट ने मंदिर में महिलाओं की एंट्री पर लगे बैन को हटा दिया था, जिसपर विवाद हो रहा है. मंदिर से जुड़े लोग और स्वामी अयप्पा के अनुयायी इस फैसले को उनकी आस्था के खिलाफ बता रहे हैं.
सबरीमाला मंदिर में सभी लड़कियों और महिलाओं को प्रवेश की इजाजत देने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद से मंदिर के द्वार आज खुलने जा रहे हैं. आज शाम 5 बजे सबरीमाला मंदिर के कपाट खुलने हैं.
बुधवार को मंदिर के पास काफी बड़ी संख्या में भीड़ एकत्रित है. बड़ी संख्या में महिलाएं मंदिर में प्रवेश के लिए जा रही हैं, तो वहीं हजारों की संख्या में श्रद्धालु उन्हें रोकने की कोशिश में लगे हुए हैं. सुबह से यहां चल रहा प्रदर्शन अब धीरे-धीरे हिंसक रूप लेता जा रहा है.
बड़े अपडेट –
01.09 PM: महिलाओं के मंदिर में प्रवेश का विरोध कर रहीं मंदिर के बोर्ड के पूर्व प्रेसिडेंट गोपालकृष्णन की पत्नी को हिरासत में ले लिया गया है. उनके अलावा करीब 50 अन्य लोगों को भी हिरासत में लिया गया है.
01.00 PM: प्रदर्शनकारियों की भीड़ ने मीडिया की एक वैन के साथ तोड़फोड़ की.
12.11 PM: पुलिस पंबा बेस कैंप से प्रदर्शनकारियों को जबरन हटा रही है.
11.04 AM: एक परिवार जिसमें महिला और बच्चे भी शामिल थे, वे पहाड़ी के जरिए मंदिर की ओर बढ़ रहे थे. लेकिन प्रदर्शनकारियों ने उन्हें वहां से भगा दिया. परिवार आंध्र से सिर्फ सबरीमाला मंदिर के दर्शन करने आया था.
11.00 AM: पंबा बेस कैंप से महिलाओं को वापस भेजा जा रहा है, वहां पर इनकी एंट्री का विरोध हो रहा है.
10.01 AM: नल्लिकेल इलाके में 3 जगह प्रदर्शन चल रहा है, इनमें 2 जगह संघ परिवार की तरफ से प्रदर्शन किया जा रहा है. और 1 प्रदर्शन कांग्रेस की तरफ से किया जा रहा है. सभी मंदिर में महिलाओं के प्रवेश का विरोध कर रहे हैं.
08.02 AM: नल्लिकेल और पम्पा बेस पर करीब 1000 से अधिक सुरक्षाकर्मी, जिनमें 800 पुरुष और 200 महिलाएं शामिल हैं. इनके अलावा 500 से अधिक अन्य सुरक्षाकर्मी भी तैनात किए गए हैं.
07.49 AM: सबरीमाला मंदिर में प्रवेश को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने हिरासत में लेना शुरू कर दिया है. पुलिस ने अभी तक कुल 11 प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया है. इनमें 8 को मंगलवार रात और 3 को बुधवार सुबह हिरासत में लिया गया.
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 10 से 50 साल की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश से रोकने की सदियों पुरानी परंपरा को गलत बताते हुए उसे खत्म कर दिया था और सभी आयुवर्ग की महिलाओं को प्रवेश करने की इजाजत दी थी. उस आदेश के बाद से बुधवार 17 अक्टूबर को शाम पांच बजे पहली बार मंदिर के द्वार खुलेंगे.
नहीं मान रहे हैं लोग
वहीं, हालात को सुलझाने के लिए त्रावणकोर देवस्वम बोर्ड (टीडीबी) की आखिरी कोशिश बेकार रही, जहां पंडालम शाही परिवार और अन्य पक्षकार इस मामले में बुलाई गई बैठक को मंगलवार को छोड़कर चले गए. शीर्ष अदालत के आदेश के खिलाफ समीक्षा याचिका दायर करने के मुद्दे पर बातचीत करने में बोर्ड की अनिच्छा से ये लोग निराश दिखे.
महिलाओं को रोकने की कोशिश
इस बीच, भगवान अयप्पा की सैकड़ों महिला श्रद्धालुओं ने मंदिर की ओर जाने वाले मार्ग पर जाकर उन महिलाओं को मंदिर से करीब 20 किलोमीटर पहले नल्लिकेल में रोकने का प्रयास किया जिनकी आयु 10 से 50 साल है. ‘स्वामीया शरणम् अयप्पा’ के नारों के साथ भगवान अयप्पा भक्तों ने इस आयु वर्ग की लड़कियों और महिलाओं की बसें और निजी वाहन रोके और उन्हें यात्रा नहीं करने के लिए मजबूर किया.
इन महिलाओं में पत्रकार रितू भी थीं, जिन्होंने दावा किया कि वह अपने कवरेज के काम से मंदिर जा रही हैं और उनका मंदिर में प्रवेश का कोई इरादा नहीं है. उनका ऐसा भी कुछ करने की मंशा नहीं है, जिससे अयप्पा भक्तों की धार्मिक भावनाएं आहत हों.
सबरीमाला जाने के रास्ते में नल्लिकेल में भारी तनाव के बीच एक महिला प्रदर्शनकारी ने कहा, ‘मासिक पूजा के लिए मंदिर जब खुलेगा तो 10 से 50 साल की आयु की किसी महिला को निलक्कल से आगे और मंदिर में पूजा-अर्चना की इजाजत नहीं दी जाएगी.’ टेलीविजन चैनलों की फुटेज में देखा गया कि काले कपड़े पहने कुछ युवतियों और कुछ कॉलेज विद्यार्थियों को एक बस से उतरने के लिए कहा जा रहा है.
श्रद्धालुओं की रक्षा की जाएगी: मुख्यमंत्री
इस अति संवेदनशील विषय पर कठिन समय का सामना कर रहे मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने मंदिर में प्रवेश से श्रद्धालुओं को रोकने की कोशिश करने वालों को कड़ी चेतावनी दी है. उन्होंने कहा, ‘हम सभी की सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे. किसी को कानून हाथ में लेने की इजाजत नहीं दी जाएगी. मेरी सरकार सबरीमला के नाम पर कोई हिंसा नहीं होने देगी.’
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘श्रद्धालुओं को सबरीमाला जाने से रोकने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.’ उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर समीक्षा की मांग नहीं करने के सरकार के फैसले पर फिर से विचार किए जाने की संभावना खारिज कर दी. विजयन ने कहा, ‘हम सुप्रीम कोर्ट के कहे का पालन करेंगे.’