नई दिल्ली। लगातार चार सालों तक एक 30 वर्षीय दिव्यांग (मूक-बधिर) महिला के साथ बलात्कार करने के आरोप में भारतीय सेना के चार जवानों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. यह मामला पुणे के खड़की पुलिस थाने में दर्ज किया गया है. इसके अलावा सेना ने भी इस मामले में एक कोर्ट ऑफ इंक्वायरी बिठा दी है. टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक पीड़िता खड़की के ही एक सैन्य अस्पताल में चतुर्थ श्रेणी की कर्मचारी है तथा बोलने-सुनने में असमर्थ है. पुलिस ने इस मामले में चारों आरोपितों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 376 और 354 के तहत मामला दर्ज किया है.
पुलिस में दर्ज करवाई गई शिकायत के अनुसार सबसे पहले साल 2015 में नाइट शिफ्ट के दौरान एक जवान ने फैमिली वॉर्ड के बाथरूम में इस महिला के साथ बलात्कार किया था. इसके बाद इस घटना की शिकायत महिला ने मैसेज के जरिए एक उच्चाधिकारी से की. वह अधिकारी भी सेना का ही एक जवान है. इस अधिकारी ने मामले का संज्ञान लेने की बात कही और आरोपित जवान को बुलाया. लेकिन फिर दोनों ने आपस में कुछ समझौता कर लिया और वे उल्टे महिला को ही धमकाने लगे कि अगर वह उनके साथ संबंध नहीं बनाएगी तो उसके मैसेज को सार्वजनिक कर दिया जाएगा.
इसके बाद दोनों ने मिलकर महिला के साथ बलात्कार किया. मामला यहीं नहीं थमा और कुछ दिनों बाद दो और जवान भी इस अपराध में शामिल हो गए. पुलिस शिकायत के अनुसार दो जवानों ने महिला के साथ बलात्कार की एक वीडियो क्लिप बना ली थी और इसी क्लिप के दम पर महिला को धमकाकर चार साल तक उसके साथ बलात्कार किया गया.
पीड़ित महिला का यह भी कहना है कि इस बीच उसने कई दफा अस्पताल के अधिकारियों से उसकी दिन की शिफ्ट लगाने की गुहार लगाई, लेकिन उसकी सारी बातें अनसुनी कर दी गईं.
इसके बाद पीड़िता ने जुलाई में इंदौर स्थित एक गैर सरकारी संस्था (एनजीओ) से संपर्क किया. यह संस्था मूक-बधिरों के कल्याण के लिए काम करती है. इसी संस्था ने एक विशेषज्ञ की मदद से महिला का बयान लिया और फिर सोमवार को अस्पताल के कमांडेंट के पास शिकायत लिखवाई और इसके साथ ही खड़की पुलिस थाने में चारों के खिलाफ मामला दर्ज करा दिया गया.