नई दिल्ली। सर्दियां जैसे जैसे नजदीक आ रही है दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण भी दस्तक की तैयारी में है. सीपीसीबी के पिछले दो हफ्ते के एयर क्वालिटी के आंकड़ें बहुत ही भयावह है और अगर ऐसा ही रहा तो ये सर्दियां भी प्रदूषण की चपेट में होगी. इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए पर्यावरण मंत्रालय ने अपनी कमर कसी और एक एमरजेंसी प्लान के साथ तैयार है. इस साल पल्यूशण की स्थिति ज्यादा खराब होने के तीन दिन पहले ही लोगों को सचेत कर दिया जाएगा ऐसा एक वॉर्निंग सिस्टम तैयार किया गया है. आज आईएमडी ने इसकी लॉन्चिंग की.
दरअसल, ये अमेरिका और फिनलैंड के वार्निंग सिस्टम के मॉडल को ध्यान में रखकर बनाया गया है. ये सिस्टम कुछ इस तरह से काम करेगा कि जैसे ही आईएमडी को मौसम में पल्यूशन की खराब स्थिति या डस्ट स्ट्रोम की जानकारी मिलेगी वो पहले ही सीपीसीबी को संकेत देगा और उसके बाद सीपीसीबी गार की मदद से एक्शन प्लान को लागू करेगी. आम लोगों को सीपीसीबी की ओर से जानकारी दी जाएगी. पर्यावरण मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने माना कि पिछले तीन साल से दिल्ली में प्रदूषण का स्तर चिंताजनक स्थिति में है, लेकिन इस साल उम्मीद है कि ये कम रहेगा. क्योंकि पहले से ही कई तरह के जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं. सरकार ने एक इमरजेंसी एक्शन प्लान भी बनाया है. जरूरत पड़ी तो दिल्ली में व्हीकल इमिशन को रोकने के लिए और भी जरूरी कदम उठाए जाएंगे.
प्रदूषण की रोकथाम के लिए उठाए गए ये कदम
15 अक्टूबर 2018 से दिल्ली/ एनसीआर में cbcb की 41 टीमें जगह जगह जाकर मॉनिटरिंग और supervision करेंगी. ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेसवे मई 2018 से पूरी तरह से चल रहा है.. जिससे सभी ट्रक डाइवर्ट कर दिये गए हैं. जरूरत पड़ी तो ट्रकों की आवाजाही बंद कर दी जाएगी. बदरपुर थर्मल पॉवर प्लांट आज से बंद कर दिया गया है. दिल्ली में 1131 में से 950 इंडस्ट्रियल यूनिट्स ने PnG में स्विच कर लिया है.. बाकी सभी को निर्देश दे दिये गए हैं. दिल्ली/ एनसीआर में 722 ब्रिक किलन्स ज़िग ज़ैग टेक्नोलॉजी पर स्विच कर गए हैं. 52 मेकेनाइज्ड रोड स्वीइंग मशीन्स अभी दिल्ली की सड़कों पर काम कर रही हैं नवंबर 2018 तक इनकी संख्या 64 कर दी जाएगी.