नई दिल्ली। केरल के प्रसिद्ध सबरीमाला मंदिर के कपाट आज (बुधवार) खुल गए हैं. सुप्रीम कोर्ट ने मंदिर में महिलाओं की एंट्री पर लगे बैन को हटा दिया था, जिसपर विवाद हो रहा है. मंदिर से जुड़े लोग और स्वामी अयप्पा के अनुयायी इस फैसले को उनकी आस्था के खिलाफ बता रहे हैं. मंदिर के कपाट खुलने से पहले आज जमकर बवाल हुआ. महिलाओं के प्रवेश का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों ने पत्रकारों को भी नहीं बख्शा.
प्रदर्शनकारियों ने आजतक की रिपोर्टर मौसमी सिंह पर हमला कर दिया. मौसमी सिंह के साथ मारपीट की गई, साथ ही उनपर पत्थरबाजी हुई. एक समय उनको अपनी जिंदगी भी खतरे में लग रही थी. मौसमी के साथ कैमरामैन संजय पर भी हमला हुआ. राहत की बात यह है कि मौसमी अभी सुरक्षित हैं और अस्पताल जाने में सफल हुईं. राष्ट्रीय महिला आयोग ने हमले को संज्ञान में लिया है.
#WATCH: India Today journalist Mausami Singh and its crew in a police vehicle. They were attacked by the protesters at Nilakkal base camp. #SabarimalaTemple #Kerala pic.twitter.com/R7rsSBK8fx
— ANI (@ANI) October 17, 2018
हमले के बाद मौसमी ने ‘इंडिया टुडे’ से बात करते हुए कहा कि जब वे निलाक्कल में थे तब हमला हुआ जो सबरीमाला मंदिर का मुख्यद्धार है. ‘इंडिया टुडे’ की टीम पंबा से निलाक्कल के लिए निकल रही थी. जब वे नेटवर्क कनेक्टिविटी के लिए रुके तो उन्होंने देखा एक बस आ रही है. वे माधवी का इंटरव्यू करने के लिए बस में चढ़े. माधवी वही महिला है जो सबरीमाला मंदिर में दर्शन करने के लिए जा रही थी और प्रदर्शनकारियों ने उन्हें वापस भेज दिया था.
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद मंदिर हर उम्र की महिला के दर्शन के लिए खोल दिया गया है. बस में ही प्रदर्शनकारी मौसमी से मारपीट और उनपर चिल्लाना शुरू कर दिए. इसमें ‘इंडिया टुडे’ के कैमरामैन पर भी हमला हुआ और उन्हें बस से उतरने नहीं दिया गया. बस में एक प्रदर्शनकारी तो खासतौर से आक्रामक था.
उसने मौसमी को धक्का देने की कोशिश की. बस जब निलाक्कल पहुंची तो वह बस से नीचे उतरा और अन्य प्रदर्शनकारियों से मलयालम भाषा में बात किया. इतने में मौसमी ने सबरीमाला शब्द सुन लिया. उसने जो भी कहा कि उससे बाद से भीड़ में और जोश भर गया. मौसमी को पीछे से धक्का दिया गया. उनको ये भी लगा कि उनकी मौत भी हो सकती है. वह यह बताने की कोशिश कर रहीं थीं कि वे सबरीमाला से वापस नहीं आ रही हैं. सिर्फ एक या दो लोग ही उनको सुन रहे थे. उनको मारा गया.
पुलिस पत्रकारों को पुलिस बस तक ले गई. इसके बाद भी वे वहां तक पहुंच गए और भीड़ ने पत्थरबाजी शुरू तक दी. मौसमी और कैमारमैन दोनों पर हमला हुआ.इसमें बाकी के पत्रकारों पर भी हमला हुआ. इसमें एक टीवी चैनल के रिपोर्टर के कार पर भीड़ ने हमला किया.