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अमृतसर ट्रेन हादसाः नवजोत सिंह सिद्धू ने लगातार तीसरे दिन जाकर लिया घायलों का हाल

नई दिल्ली। पंजाब के अमृतसर के जोड़ा फाटक के पास हुए रेल हादसे का आज तीसरा दिन है. पंजाब सरकार में कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू आज भी घायलों का हालचाल लेने के लिए गुरू नानक हॉस्पिटल पहुंचे. वहां उन्होंने हादसे में घायल लोगों और उनके तीमारदारों से बातचीत की. बता दें कि नवजोत सिंह सिद्धू हादसे के बाद से लगातार हर दिन अस्पतालों में जाकर घायलों और उनके परिवार वालों से मिल रहे हैं.

नवजोत सिंह सिद्धू ने वहां मौजूद पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए एक बार फिर दोहराया कि उनकी पत्नी नवजोत कौर अपनी जिम्मेदारी से भागी नहीं. उस दिन उनके छह कार्यक्रम थे और जोड़ा फाटक के पास उनका चौथा कार्यक्रम था. वो ज्यादा देरी से भी नहीं पहुंची थीं. कार्यक्रम का समय साढ़े छह बजे था और छह चालीस पर नवजोत कौर वहां पहुंच गईं थीं. इसके बाद जब रावण दहन के बाद वो वहां से निकलकर पांचवें कार्यक्रम के लिए जा रही थीं तब उन्हें हादसे की जानकारी मिली. वो घटनास्थल पर जाना चाहती थीं लेकिन कमिश्नर ऑफ पुलिस ने उनसे कहा कि वहां लोग गुस्से में हैं और आप वहां न जाएं. इसलिए नवजोत कौर सीधा अस्पताल गईं जहां घायलों का इलाज होना था.

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ANI

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Amritsar: Punjab Minister Navjot Singh Sidhu today met the people who were injured in .

इसके अलावा नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा कि मैं उस समय बंग्लुरू में था और जैसे ही मेरी पत्नी का फोन आया मैं वहां से निकला और रात 12.55 बजे मैं वापस पहुंचा जिसके बाद मैंने तुरंत अस्पताल का रुख किया और घायलों और मृतकों के परिजनों से मिला और मैं लगातार अस्पताल आ रहा हूं.

सिद्धू ने कहा कि जहां कार्यक्रम हो रहा था, वहां के लिए परमिशन ली हुई थी और सामान्यतया वहां से ट्रेनें इतनी तेजी से नहीं गुजरतीं लेकिन उस दिन ट्रेन इतनी तेजी से क्यों जा रही थी ये बड़ा सवाल है. ट्रैक के आसपास की सुरक्षा रेलवे पुलिस को देखनी थी और कार्यक्रम के बारे में भी रेलवे को पता होना चाहिए था. उन्होंने कहा कि उनकी पत्नी नवजोत कौर सिद्धू भागी नहीं, वे खुद भी डॉक्टर हैं और घायलों के इलाज में उन्होंने मदद की.

कैसे हुआ दर्दनाक हादसा
पंजाब के अमृतसर के जोड़ा फाटक के पास शुक्रवार 19 अक्टूबर को रावण दहन के समय हुए ट्रेन हादसे में 59 लोगों की मौत हो गई और करीब 70 से ज्यादा लोग घायल हुए. ठीक रावण दहन के समय जोड़ा फाटक के पास ट्रेन उस ट्रैक पर से गुजरी जहां लोग खड़े होकर दशानन का दहन देख रहे थे और ट्रेन-मौत की रेल बनकर 59 जिंदगियों को लील गई. हादसे के बाद से ही प्रशासन और रेलवे एक-दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगा रहे हैं.

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