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SBI समेत 7 बैंकों के ग्राहक हो जाएं सावधान, मंडरा रहा डाटा चोरी होने का खतरा

नई दिल्ली। अगर आपने भी गूगल प्‍लेस्‍टोर से स्‍टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI)आईसीआईसीआई बैंक (ICICI)एक्सिस बैंक (AXIS), सिटी बैंक (Citi bank), इंडियन ओवरसीज बैंक या फिर बैंक ऑफ बड़ौदा का एप डाउनलोड किया है तो सचेत रहने की जरूरत है. एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि प्लेस्टोर पर मौजूद इन बैंकों के फेक एप मौजूद हैं. इनके माध्यम से बैंक के हजारों ग्राहकों का डाटा चोरी हो चुका होगा और भविष्य में इनका दुरुपयोग होने की आशंका बनी हुई है. आईटी सिक्योरिटी से जुड़ी कंपनी सोफोज लैब्स की रिपोर्ट में यह दावा किया गया है.

कई शीर्ष बैंकों के फर्जी एप
सोफोज लैब्स की रिपोर्ट में गूगल प्लेस्टोर पर स्टेट बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, एक्सिस बैंक, सिटी समेत कई शीर्ष बैंकों के फर्जी एप मौजूद होने की बात कही गई है. रिपोर्ट में कहा गया कि इन फर्जी एंड्रायड एप में बैंक का असली लोगो लगा हुआ है जिससे कस्टमर असली और नकली एप के बीच अंतर नहीं कर पाते हैं. इन एप में मौजूद मालवेयर संभवत: हजारों उपभोक्ताओं और क्रेडिट कार्ड यूजर्स की सूचनाएं चोरी कर चुके हैं.

एसबीआई की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं
रिपोर्ट में शामिल बैंकों से संपर्क किया गया तो उन्हें ऐसे किसी भी नकली एप की जानकारी नहीं है. सिटी इंडिया के प्रवक्ता ने कहा कि उनका बैंक रिपोर्ट में बताए गए एप से किसी भी प्रकार से प्रभावित नहीं हुआ है. बैंक ने सोफोज लैब से लिखित में कहा है कि रिपोर्ट से उसका नाम हटाया जाए. वहीं यस बैंक ने इस बारे में कहा कि बैंक के साइबर धोखाधड़ी विभाग को इससे अवगत कराया गया है. एसबीआई की तरफ से इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई.

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रिपोर्ट के अनुसार, ये एप कैश बैक, नि:शुल्क मोबाइल डेटा और बिना ब्याज का कर्ज समेत पुरस्कार का वादा कर उपभोक्ताओं को डाउनलोड, इंस्टॉल और इस्तेमाल के लिए प्रलोभन देते हैं. सोफोज लैब्स के शोधकर्ता पंकज कोहली ने कहा कि इस तरह के नकली एप एंड्रायड के लिये नए नहीं हैं. उन्होंने कहा कि आगे भी इस तरह के मालवेयर विभिन्न तरीकों से एंड्रायड एप प्लेस्टोर में सेंध लगाते रहेंगे.

ऐसे बच सकते हैं
पंकज कोहली ने कहा कि उपभोक्ताओं को हमेशा ऐसे एंटीवायरस सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करने की हिदायत दी जो मालवेयर से सुरक्षा और इंटरनेट सुरक्षा प्रदान करते हों. उपभोक्ताओं को सुरक्षित रखने के साथ ही इन नकली एप को जानकारियों की चोरी करने से रोकते हों.

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