नई दिल्ली। सीबीआई में चल रहे घमासान के बीच मोदी सरकार विपक्ष के निशाने पर है. कांग्रेस, टीएमसी, वाम दल समेत कई पार्टियों ने केंद्र सरकार को ही सीबीआई में चल विवाद को लेकर जिम्मेदार ठहराया है.
CBI में हो रही इस उठापठक में सिर्फ विपक्षी पार्टियां ही नहीं बल्कि बीजेपी की साथी जेडीयू ने भी सवाल उठा दिए हैं. जेडीयू प्रवक्ता केसी त्यागी ने ये बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के समय में ऐसा होता रहा है, लेकिन अब ये नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में हो रहा है, इसलिए काफी बुरा लग रहा है.
उन्होंने कहा कि जो संस्था देश के विदेश के खुफिया विभागों से संबंधित है, उसके नंबर वन और नंबर टू के बीच में ऐसी परिस्थितियां पैदा हो तो कई तरह के सवाल खड़े होते हैं. उन्होंने कहा कि सीबीआई में अफसरों की तैनाती राज्य के कोटे के आधार पर नहीं होनी चाहिए. सीबीआई को अपने अफसरों को चुनने का अधिकार होना चाहिए.
त्यागी बोले कि विपक्ष जो आरोप लगा रहा है वह गलत है. ये कांग्रेस बनाम बीजेपी नहीं है, बल्कि अकाउंटबिलिटी बनाम गवर्नेंस है. उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि पूरा सिस्टम बदलना चाहिए. इसकी चयन प्रक्रिया में नेता प्रतिपक्ष, प्रधानमंत्री, गृहमंत्री और सुप्रीम कोर्ट का मुख्य न्यायाधीश बैठे. इन मुद्दों पर एक हफ्ता बहस होनी चाहिए और तब जाकर नियुक्ति होनी चाहिए.
ममता ने बीजेपी को घेरा
बुधवार सुबह पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममत बनर्जी ने ट्वीट कर कहा कि CBI अब BBI (BJP Bureau of Investigation) बन चुकी है, जो कि काफी दुखद है.
ममता के अलावा सीपीआई नेता सीताराम येचुरी ने भी इस मुद्दे पर मोदी सरकार को निशाने पर लिया. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंर् मोदी ने सीबीआई का राजनीतिक इस्तेमाल किया है. अपने अफसर को बचाने के लिए वह कई अधिकारियों का तबादला कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि जो अफसर अस्थाना के खिलाफ मामले की जांच कर रहा था, उसे अंडमान क्यों भेज दिया गया.
कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आरोप लगाया कि उन्होंने सीबीआई की स्वायत्ता को नष्ट कर दिया है. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने खुद तो सीबीआई अफसरों को नहीं हटाया, लेकिन सीवीसी के जरिए ये काम किया.