पटना। लोकसभा चुनाव 2019 के लिए बिहार में एनडीए के घटक दलों के बीच सीटों के बंटवारे पर सहमति बन गई है. जेडीयू और बीजेपी दोनों दल बराबर – बराबर सीटों पर चुनाव लड़ेंगे. बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने कहा, “2019 लोकसभा चुनाव में बीजेपी और जेडीयू बराबर बराबर सीटों पर चुनाव लड़ेंगी और बाकी साथियों को भी सम्मानजनक जगह दी जाएगी. अगले दो तीन दिनों में सीटों की संख्या के बारे में घोषणा कर दी जाएगी.” सीटों के बंटवारे में संख्या के बारे में एक सवाल के जवाब में शाह ने कहा कि एक बार सैद्धांतिक बातें तय हो जाने के बाद कौन किन किन सीटों पर चुनाव लड़ेगा, इस बारे में बिहार की पार्टी इकाई और नीतीश कुमार चर्चा करके चीजें तय कर लेंगे.
वर्तमान में बिहार की 40 लोकसभा सीटों में 33 पर एनडीए का कब्जा है. इनमें 22 सीटें बीजेपी, छह लोजपा, तीन रालोसपा को मिली थीं. बाद में इसमें जदयू की दो सीटें भी आ मिलीं. जेडीयू ने पिछले लोकसभा चुनाव में सभी 40 सीटों पर चुनाव लड़ा था लेकिन उसे सिर्फ दो सीटों पर जीत हासिल हुई थी. इसे देखते हुए जेडीयू को बड़ा फायदा होता दिख रहा है. वहीं बीजेपी अपनी जीती हुई 4-5 सीटें सहयोगियों को देगी. बीजेपी की रणनीति उसके बदलते तेवर का संकेत दे रही है. पार्टी जमीनी हकीकत को नजरअंदाज किए बिना सहयोगियों को अपने से जोड़े रखने की भरसक कोशिश में है.
कुछ ऐसा होगा फॉर्मूला
बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि बिहार में एनडीए के सहयोगी दलों को कितनी सीटें मिलेगा, इस पर स्थिति चार-पांच दिन में साफ हो पाएगी. उधर, सूत्रों के अनुसार बीजेपी व जेडीयू 16 या 17 सीट, एलजेपी पांच और आरएलएसपी दो सीटों पर चुनाव लड़ेगी. बीजेपी और जेडीयू के बीच सीट बंटवारे को लेकर एलजेपी नेता चिराग पासवान ने कहा, “बीजेपी ने पहले ही सम्मानजन सीटें देने की बात कही है. हम प्रतीक्षा कर रहे हैं.” सीट बंटवार पर थोड़ी बहुत नाराजगी आरएलएसपी को हो सकती है.
आरएलएसपी प्रमुख उपेंद्र कुश्वाहा ने कल आरजेडी नेता तेजस्वी यादव से मुलाकात की थी जिसके राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं. वहीं, आरएलएसपी के प्रवक्ता जीतेंद्र नाथ ने कहा है, “हमारे नेता उपेंद्र कुश्वाहा की तेजस्वी यादव के साथ मीटिंग महज एक संयोग है. यह पूर्व-निर्धारित नहीं थी. हम एनडीए का हिस्सा हैं. बीजेपी ने हमसे सीटों की संख्या को लेकर कोई बातचीत नहीं की लेकिन 2-3 सीटें सम्मानजनक नहीं हैं. हमें उम्मीद है कि बीजेपी हमसे बात करेगी.”
उधर, एक आरजेडी नेता ने तेजस्वी यादव और उपेंद्र कुश्वाहा की मीटिंग पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “आरएलएसपी हमारी पार्टी के शीर्ष नेताओं के लगातार संपर्क में है. यदि आरएलएसपी, महागठबंधन में शामिल होती है तो उसे 4-5 सीटें दी जा सकती है लेकिन 6-7 नहीं.”