अयोध्या जमीन विवाद। देश में राम मंदिर निर्माण पर जारी बहस के बीच आज सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई जनवरी तक के लिए टाल दिया है. आज मामला जैसे ही चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की बेंच के सामने आया, चीफ जस्टिस ने कहा कि इस मामले को जनवरी में उपयुक्त बेंच के सामने लाया जाए. जनवरी में यही बेंच सुनवाई करेगी या नहीं ये अभी तय नहीं है. यह चीफ जस्टिस पर निर्भर करता है कि वो नई बेंच बनाते हैं या नहीं.
आज चीफ जस्टिस रंजन गोगोई समेत जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस के.एम जोसफ की पीठ 2010 के इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुनवाई के लिए बैठी थी. आज की सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी के बाद साफ हो गया कि रोजाना सुनवाई की तारीख आने में अभी और समय लगेगा.
अयोध्या जमीन विवाद LIVE UPDATES
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- 30 अक्टूबर से आरएसएस की दीवाली बैठक मुम्बई में होगी. संघ प्रमुख सहित सभी प्रमुख प्रचारक मुंबई पहुंचे. संघ की बैठक के एजेंडे में राम मंदिर भी शामिल है. 2 नवंबर तक संघ के कार्यकारी मंडल की बैठक चलेगी.
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- वक्फ बोर्ड के मेंबर और यूपी बार काउंसिल के पूर्व चेयरमैन इमरान माबूद खान के मुताबिक़ इस मामले में फैसला किसी के भी हक़ में आए, लेकिन अब जल्द से जल्द सुनवाई पूरी हो जानी चाहिए. उनके मुताबिक़ इस मामले में अब और ज़्यादा इंतजार नहीं किया जा सकता, क्योंकि इससे न सिर्फ करोड़ों लोगों की भावनाएं जुडी हुई हैं, बल्कि देश के अमन को भी खतरा बना रहता है. इमरान माबूद खान ने कहा कि इस बार की सुनवाई केंद्र सरकार की वजह से टली है. हमेशा यह इल्जाम लगता था कि वक्फ बोर्ड तारीखें लेकर सुनवाई को टलवा रहा है, लेकिन इस बार ऐसा नहीं था.
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- अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट में चल रही सुनवाई एक बार फिर टलने पर सुन्नी वक्फ बोर्ड ने भी निराशा जताई है. सुन्नी वक्फ बोर्ड का कहना है कि उसे पूरा यकीन था कि देश की सबसे बड़ी अदालत इस मामले में अब और इंतजार नहीं कराएगी और डेटूडे बेसिस पर सुनवाई कर जल्द से जल्द इस मामले का निपटारा कर देगी.
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- सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई टलने से संत समाज की नाराजगी खुलकर सामने आ गई. अब संतों ने तीन और चार नवंबर को दिल्ली के ताल कटोरा स्टेडियम में बड़ी बैठक बुलाई है. इस बैठक में हिन्दू धर्म के 125 संप्रदायों के प्रमुख हिस्सा लेंगे। राम मंदिर पर रणनीति बनाने पर भी चर्चा होगी.
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- अयोध्या मामले की सुनवाई जनवरी तक टलने पर केशव प्रसाद मौर्य ने कहा- मैं इस पर टिप्पणी नहीं करना चाहता क्योंकि यह सर्वोच्च न्यायालय का निर्णय है. सुनवाई टलने से अच्छा संदेश नहीं जाता.
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- जनवरी तक सुनवाई टलने से संत समाज में नाराजगी साफ देखने को मिल रही है. राम मंदिर के लिए अयोध्या में आमरण अनशन करने वाले महंत परमहंस ने कोर्ट के फैसले के बाद कहा- जनवरी तक इंतजार नहीं कर सकते, बीजेपी तुरंत राममंदिर निर्माण शुरू करे. राम मंदिर निर्माण का वादा करके ही मोदी, योगी सत्ता में आए थे. अगर ऐसा नहीं होता तो आरएसएस, वीएचपी और बीजेपी सरकार को खामियाजा भुगतना पड़ेगा.
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- अयोध्या जमीन विवाद पर सुप्रीम में कोर्ट में जनवरी तक मामला टला, नियमित सुनवाई की तारीख अब जनवरी में तय होगी. यह तय नहीं कि यही बेंच सुनवाई करेगी. नई बेंच का गठन होगा वहीं बेंच आगे की कार्यवाही तय करेगी.
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- अयोध्या जमीन विवाद पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू, नियमित सुनवाई पर आ सकता है फैसला. चीफ जस्टिस रंरज गोगोई, जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस के.एम जोसफ की पीठ सुनवाई कर रही है.
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- अखिल भारतीय सन्त समिति के अध्यक्ष स्वामी जितेंद्रनन्द सरस्वती की सरकार को चेतावनी, कहा- सुप्रीम कोर्ट ने दिन-प्रतिदिन की सुनवाई नहीं की तो सरकार पर शीतकालीन सत्र में राममंदिर पर कानून लाने के लिए दवाब बढ़ाएंगे.
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- बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा- कुछ लोग चाहते थे की राम मंदिर पर सुनवाई न हो. कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने कहा था कि 2019 से पहले सुनवाई हुई तो कोर्ट छोड़ दूंगा. बीजेपी मंदिर के साथ मजबूती से खड़ी हुई है. देरी हो रही है तो हमें कुछ करना होगा.
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- राम मंदिर मुद्दे पर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा- अब हिंदुओं का सब्र टूट रहा है. मुझे भय है कि अगर ये सब्र टूटा तो क्या होगा. मुझे विश्वास है कि आज सुप्रीम कोर्ट का निर्णय सवा सौ करोड़ भारतीयों की अपेक्षाओं के हिसाब से होगा.
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- निर्मोही अखाड़ा ने कहा कि हमें सरकार पर भरोसा नहीं है, सुप्रीम कोर्ट का जो भी फैसला आएगा हम मानेंगे.
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- रामजन्मभूमि के मुख्य पुजारी सत्येंद्र दास ने एबीपी न्यूज़ से बात करते हुए कहा कि हमारे लिए कष्ट की बात है कि रामलला आज टेंट में हैं. सुप्रीम कोर्ट का आदेश है इसलिए वहां कोई निर्माण नहीं हो सकता. इस विवाद का हल सुप्रीम कोर्ट से ही हो सकता है. दोनों ही पक्ष कोर्ट का फैसला मानने के लिए सहमत हैं. वहीं मुस्लिम पक्षकार इकबाल अंसारी ने भी कहा कि मेरे पिता (हाशिम अंसारी) ने भी रामलला के टेंट में होने का मुद्दा उठाया था. हम पहले भी कह चुके हैं कि कोर्ट जो भी फैसला करेगा, हमें मंजूर होगा.
नई बेंच में कौन-कौन ?
अयोध्या विवाद में आज सुनवाई करने वाली चीफ जस्टिस की रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली बैंच पूरी तरह से नई होगी. नई बेंच में चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस एम जोसेफ शामिल हैं. इससे पहले पूर्व चीफ जस्टिस की दीपक मिश्रा अध्यक्षता में जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस एस. अब्दुल नजीर मामले को देख रहे थे.
क्या है अयोध्या विवाद?
अयोध्या में जमीन विवाद सत्तर सालों से चला आ रहा है, अयोध्या विवाद हिंदू मुस्लिम समुदाय के बीच तनाव का बड़ा मुद्दा रहा है. अयोध्या की विवादित जमीन पर राम मंदिर होने की मान्यता है. मान्यता है कि विवादित जमीन पर ही भगवान राम का जन्म हुआ. हिंदुओं का दावा है कि राम मंदिर तोड़कर मस्जिद बनाई गई.
दावा है कि 1530 में बाबर के सेनापति मीर बाकी ने मंदिर गिराकर मस्जिद बनवाई थी. 90 के दशक में राम मंदिर के मुद्दे पर देश का राजनीतिक माहौल गर्मा गया था. अयोध्या में 6 दिसंबर 1992 को कार सेवकों ने विवादित ढांचा गिरा दिया था. अयोध्या में विवादित जमीन पर अभी राम लला की मूर्ति विराजमान है.
अयोध्या विवाद में हाईकोर्ट का फैसला क्या था?
अयोध्या में विवादित ढांचा गिराए जाने के बाद आपराधिक केस के साथ साथ जमीन के मालिकाना हक को लेकर भी मुकदमा चला. आठ साल पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एतिहासिक फैसला दिय़ा. हाईकोर्ट ने 2.77 एकड़ विवादित जमीन को तीन हिस्सों में बराबर बांटने का फैसला दिया.
राम मूर्ति वाला पहला हिस्सा राम लला विराजमान को मिला. राम चबूतरा और सीता रसोई वाला दूसरा हिस्सा निर्मोही अखाड़ा को मिला. जमीन का तीसरा हिस्सा सुन्नी वक्फ बोर्ड को देने का फैसला सुनाया गया. हाईकोर्ट के फैसले को हिंदू और मुस्लिम पक्षों ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी. तीनों ही पक्षों ने पूरी विवादित जमीन पर अपना अपना दावा ठोंका.