लंबे समय से इंतजार कराने वाली साल की बिग बजट फिल्म ‘ठग्स आफ हिंदुस्तान’ के प्रोड्यूसर, डायरेक्टर व अभिनेता आमिर खान के खिलाफ भावनाओं को ठेस पहुंचाने मानहानि करने का परिवाद दर्ज हुआ है. इस फिल्म पर एक विशेष समुदाय और जाति के लोगों ने मानहानी की बात कही है. परिवादी अधिवक्ता हंसराज को एसीजेएमपंचम कोर्ट में गवाही के लिए 12 नवंबर को तलब किया है. ‘ठग्स आफ हिंदुस्तान’ टाइटल बदलने एवं मल्लाह जाति के पहले फिरंगी शब्द को हटाने का राष्ट्रपति को भी जिलाधिकारी के माध्यम से ज्ञापन भेजा गया है.
मल्लाह और निषाद समाज को है परेशानी
यह भी जानने वाली बात है कि इस फिल्म का टाइटल बदलने और मल्लाह के पहले से फिरंगी शब्द हटाने के लिए निषाद समाज ने दो दिन पहले राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन जिलाधिकारी को दिया था. जिसके बाद अब अधिवक्ता हंसराज चौधरी ने ‘ठग्स आफ हिंदुस्तान’ फिल्म के प्रोड्यूसर आदित्य चोपड़ा, डायरेक्टर विजय कृष्णा और एक्टर आमिर खान के खिलाफ परिवाद दायर किया है. जिसमें लिखा है कि समाज के कुछ लोगों ने परिवादी के घर पर सोशल मीडिया पर फिल्म ‘ठग्स ऑफ हिंदुस्तान’ का ट्रेलर देखा जिसमें उनकी जाति को ‘फिरंगी’ शब्दों से संबोधित कर अपमानित किया गया है.
फिल्म को हिट कराने के लिए विवाद का आरोप
परिवादी के वकील हिमांशु श्रीवास्तव व ब्रजेश सिंह ने कहा है कि जानबूझकर फिल्म को प्रमोट करने और ज्यादा मुनाफा कमाने के लिए दुर्भावनापूर्ण तरीके से फिल्म का ऐसा नाम रखा गया. लेकिन यह नहीं सोचा गया कि ऐसे में जाति विशेष को फिल्म में अपमानित किया जा रहा है. पूरे निषाद समाज को ठग व फिरंगी की संज्ञा दी गई. इस परिवाद में यह भी कहा गया है कि फिल्म की कहानी केवल कानपुर जिले की है, फिर टाइटल ‘ठग्स आफ हिंदुस्तान’ रखना फिल्मकारों की बुरी भावना को प्रदर्शित करता है. फिल्मकार जानते हैं कि विरोध पर फिल्म ज्यादा चलेगी. फिल्मकारों के इस कृत्य से जातियों में घृणा व वैमनस्य की भावना पैदा हुई. साथ ही सौहार्द व देश की एकता व अखंडता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है.
बता दें कि ‘ठग्स ऑफ हिन्दोस्तान’ के प्रोड्यूसर आदित्य चोपड़ा की ड्रीम प्रोजेक्ट है. ऐसा माना जा रहा है कि यह बॉलीवुड की अब तक की सबसे ज्यादा बजट वाली फिल्म है. यह फिल्म 1839 के एक उपन्यास ‘कंफेशंस ऑफ ए ठग’ पर आधारित है. यह फिल्म 8 नवंबर को इसी साल दिवाली के मौके पर रिलीज होगी. ‘ठग्स ऑफ हिंदुस्तान’ को डिजिटल रूप में आईमैक्स फॉर्मेट में बनाया गया है. यह इस फॉर्मेट में पांचवीं भारतीय फिल्म है. इससे पहले ‘धूम 3’, ‘बैंग बैंग’, ‘बाहुबली 2’ व ‘पद्मावत’ को आईमैक्स फॉर्मेट का रूप दिया गया.
दरअसल यह एपिक एक्शन-एडवेंचर फिल्म ब्रिटिश लेखक और प्रशासक फिलिप मीडोज टेलर के 1839 के उपन्यास ‘कंफेशंस ऑफ ए ठग’ (Confessions of a Thug) पर आधारित है. इसमें एक ऐसे ठग की कथा है जिसका गैंग 19वीं सदी की शुरुआत में ब्रिटिश भारत में अंग्रेजों के लिए खासा सिरदर्द बन गया था. यह उपन्यास जब प्रकाशित हुआ तो 19वीं सदी के पूर्वार्द्ध में अपनी रोचक कथावस्तु के कारण यह ब्रिटेन का बेस्ट-सेलर क्राइम उपन्यास बन गया.