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खुफिया रिपोर्ट- ठिकाने की तलाश में लद्दाख जा रहे हैं रोंहिग्या घुसपैठिए, 55 पहुंचे

नई दिल्ली। भारत की ओर से अवैध घुसपैठ करने वाले रोहिंग्या को वापस म्यांमार भेजने के दौर के बीच खुफिया एजेंसियों ने एक रिपोर्ट गृह मंत्रालय को सौंपी है जिसमें कहा गया है कि कई रोहिंग्या सुरक्षित जगह की तलाश में अब लद्दाख पहुंचने लगे हैं.

खुफिया एजेंसियों ने गृह मंत्रालय को एक रिपोर्ट सौंपी है जिसमें यह खुलासा हुआ है कि रोहिंग्या अब लद्दाख की ओर कूच कर रहे हैं. अब तक करीब 55 रोहिंग्या लद्दाख पहुंच चुके हैं.

खुफिया एजेंसियां इस बात की पड़ताल में जुटी हैं कि ये रोहिंग्या कैसे लद्दाख पहुंचने में कामयाब रहे. हाल ही में खुफिया एजेंसियों ने 14 ट्रेनों को चिन्हित किया था जिसके जरिये पूर्वोत्तर राज्यों से रोहिंग्या केरल में जाकर बस रहे थे.

स्थानीय लोग सपोर्ट को भी तैयार!

गृह मंत्रालय सूत्रों ने जानकारी दी है की इन रोहिंग्या को लद्दाख में बसाने के लिए कुछ स्थानीय लोग सपोर्ट देने में जुटे हुए हैं. इससे पहले रोहिंग्या मामले को लेकर के आजतक ने यह जानकारी दी थी कि ट्रेनों के जरिए पूर्वोत्तर राज्यों से किस तरीके से रोहिंग्या केरल तक पहुंच रहे हैं.

इस खबर के आने के बाद गृह मंत्रालय ने संज्ञान लेते हुए सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को अलर्ट करते हुए कहा था कि रोहिंग्या जो अलग-अलग राज्यों में रह रहे हैं उनके मूवमेंट पर नजर रखी जाए. तब आजतक ने बताया था कि रोहिंग्या 14 ट्रेनों के जरिए पूर्वोत्तर राज्यों से किस तरीके से केरल पहुंच रहे हैं.

केंद्र की सलाह

रिपोर्ट के बाद गृह मंत्रालय ने रोहिंग्या के देश के दूसरे राज्यों में आने-जाने पर नजर रखने के लिए सुरक्षा एजेंसियों को कहा था. इससे पहले कई रोहिंग्याओं के परिवार समेत केरल पहुंचने की खबर आई थी.

रोहिंग्याओं को भारत से वापस म्यांमार भेजने का सिलसिला जारी है. भारत सरकार ने पिछले महीने अवैध रूप से घुसपैठ करने वाले सात रोहिंग्याओं को वापस म्यांमार भेजा था. यह पहली बार था, जब भारत ने अवैध रोहिंग्या घुसपैठियों को उनके देश म्यांमार वापस भेजा. केंद्र अब असम सरकार के साथ मिलकर 23 अवैध रोहिंग्या घुसपैठियों को वापस म्यांमार भेजने की तैयारियों में जुटी है.

इस बीच बांग्लादेश और म्यांमार इस महीने से रोहिंग्या शरणार्थियों की स्वदेश वापसी को लेकर राजी हो गए हैं. पिछले महीने संयुक्त राष्ट्र जांचकर्ताओं ने मुस्लिम अल्पसंख्यक समुदाय रोहिंग्या के खिलाफ नरसंहार जारी रहने की बात कही थी. म्यांमार सेना की ओर से पिछले साल अगस्त में चलाए गए नरसंहार के बाद 7 लाख से ज्यादा रोहिंग्याओं ने बांग्लादेश में शरण ली थी.

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