खबरों के अनुसार, पाकिस्तान के लाहौर और चीन के काशगर के बीच पीओके से होते हुए नई बस सेवा 13 नवंबर से शुरू होगी. भारत पहले से ही चीन के इस बड़े प्रोजेक्ट का विरोध करता आया है, अब ये बस सर्विस विवाद की नई वजह बनी है.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने बुधवार को कहा कि उसने चीन- पाकिस्तान आर्थिक गलियारा परियोजना (सीपीईसी) के तहत पाक के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) से होकर इन दोनों देशों के बीच प्रस्तावित बस सेवा को लेकर चीन और पाकिस्तान के समक्ष कड़ा विरोध दर्ज कराया है.
रवीश कुमार ने बुधवार को कहा कि यह बस सेवा भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का उल्लंघन होगी. कुमार ने कहा कि भारत का यह रुख निरंतर रहा है कि वर्ष 1963 का ‘‘तथाकथित चीन पाकिस्तान सीमा समझौता’’ अवैध और अमान्य है और इसे भारत सरकार ने कभी मान्यता नहीं दी है.
आपको बता दें कि पाकिस्तान के ग्वादर से चीन के काशगर तक 50 बिलियन डॉलर (करीब 3 लाख करोड़ रुपए) की लागत से आर्थिक गलियारा बनाया जा रहा है. इसके जरिए चीन की अरब सागर तक पहुंच हो जाएगी.