नई दिल्ली। CBI Vs CBI विवाद को लेकर छुट्टी पर भेजे गए CBI के स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना की याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट ने 14 नंवबर तक सुनवाई टाल दी है.साथ ही हाईकोर्ट ने सीबीआई से अगली सुनवाई तक यथास्थिति बनाए रखने के आदेश दिए हैं. उधर, सीबीआई ने राकेश अस्थाना की दिल्ली हाई कोर्ट में दायर अर्जी का विरोध किया. हाई कोर्ट में जवाब दाखिल कर सीबीआई ने कहा कि जांच शुरुआती स्तर है, FIR रद्द करने की मांग वाली अस्थाना की अर्जी खारिज होनी चाहिए. दरअसल, राकेश अस्थाना ने अपने ऊपर दर्ज FIR को चुनौती दी है.अस्थाना पर घूस लेने के आरोप में FIR दर्ज किया गया था.पिछली सुनवाई में राकेश अस्थाना के खिलाफ किसी भी कार्यवाही पर लगी रोक को दिल्ली हाईकोर्ट ने एक नवंबर तक बढ़ा दिया था.सीबीआई ने जांच टीम बदले जाने और केस से जुड़ी फाइलों के CVC के पास होने का हवाला देकर जवाब दाखिल करने के लिए और 1 नंवबर तक के वक्त की मांग की थी.
दरअसल, घूसकांड के बाद सीवीसी की सिफारिश पर केंद्र सरकार ने आलोक वर्मा और राकेश अस्थाना को छुट्टी पर भेज दिया था. इसके अलावा इस घूसकांड में राकेश अस्थाना पर FIR दर्ज की गई थी, जिसके खिलाफ वह कोर्ट पहुंचे थे. पिछली सुनवाई में कोर्ट ने इस मामले में यथास्थिति बनाएरखने के निर्देश दिए थे.दिल्ली हाईकोर्ट ने इस मामले में सीबीआई से भी जवाब तलब किया था. सीबीआई ने सोमवार सुबह आलोक वर्मा और राकेश अस्थाना से जुड़े मामले की सभी फाइलें सीवीसी को सौंप दी हैं. उधर गिरफ्तार सीबीआई के डीएसपी देवेंद्र कुमार ने भी दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर कर अपनी गिरफ्तारी को चुनौती थी. दिल्ली हाई कोर्ट राकेश अस्थाना और देवेंद्र कुमार दोनों की याचिका पर एक साथ सुनवाई कर रहा है.
CBI ने राकेश अस्थाना (स्पेशल डायरेक्टर) और कई अन्य के खिलाफ कथित रूप से मीट कारोबारी मोइन कुरैशी की जांच से जुड़े सतीश साना नाम के व्यक्ति के मामले को रफा-दफा करने के लिए घूस लेने के आरोप में FIR दर्ज की थी. इसके एक दिन बाद डीएसपी देवेंद्र कुमार को गिरफ्तारकिया गया. इस गिरफ्तारी के बाद बीते मंगलवार को सीबीआई ने अस्थाना पर उगाही और फर्जीवाड़े का मामला भी दर्ज किया.सीबीआई के निदेशक आलोक वर्मा और विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के बीच छिड़ी इस जंग के बीच, केंद्र ने सतर्कता आयोग की सिफारिश पर दोनों अधिकारियों को छु्ट्टीपर भेज दिया था और जॉइंट डायरेक्टर नागेश्वर राव को सीबीआई का अंतरिम निदेशक बना दिया गया. चार्ज लेने के साथ ही नागेश्वर राव ने मामले से जुड़े 13 अन्य अधिकारियों का ट्रांसफर कर दिया गया था.