नई दिल्ली। अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर आरएसएस और साधु-संत लगातार सरकार पर दबाव बनाने में जुटे हैं. ऐसे में योगी सरकार ने दिवाली अयोध्या में सरयू के किनारे भगवान राम की 151 मीटर ऊंची तांबे की प्रतिमा बनाने जा रही है, लेकिन साधु-संत राम मंदिर निर्माण से कम पर राजी नहीं है.
राम मंदिर निर्माण के लिए देश भर से 3 हजार साधु- संत दिल्ली के ताल कटोरा स्टेडियम में जमा हुए हैं. नई दिल्ली में दो दिनों की बैठक संतों की ‘धर्मा देश’ शनिवार को शुरू हुई है.
धर्मा देश में देश भर से आए साधु महात्मा राम मंदिर निर्माण पर चर्चा करेंगे. धर्मा देश के पहले दिन अलग-अलग दंगों में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि दी जाएगी. साधु-संत चर्च और मस्जिदों द्वारा दिए जा रहे फतवा पर भी चर्चा करेंगे.
दिल्ली में चलने वाली दो दिनों की बैठक में राम मंदिर निर्माण को लेकर मंथन किया जाएगा. अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट के सुनवाई को लेकर भी चर्चा करेंगे. धर्मा देश में साधु-संत राम मंदिर निर्माण के लिए सरकार पर आदेश लाने के लिए मांग करेंगे.
अखिल भारतीय संत समिति के महामंत्री स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने कहा कि संत समाज देश के अलग-अलग मुद्दों पर चर्चा करेंगे. उन्होंने कहा कि अर्बन नक्सल में देश विरोधी ताकतें शामिल हैं. सुप्रीम कोर्ट के माननीय जज उन्माद फैला रहे हैं, अयोध्या के मामले में जब वह कहते हैं कि उनके पास समय नहीं है.
उन्होंने कहा कि प्राइवेट मेंबर बिल के जरिए यह भी साफ हो जाएगा कि कौन राम मंदिर के पक्ष में है और कौन विरोध में. इससे किसी दल पर यह आरोप नहीं लगेगा कि वह मंदिर के लिए कानून लेकर आई. राम भक्त और हिंदुओं ने राम मंदिर के लिए दशकों से इंतजार कर रहे हैं.
स्वामी वागीश स्वरूप काशी ने कहा कि धर्मा सभा में गौ सेवा कर रहे निर्दोष गौ रक्षक देश भर में अलग-अलग को मारे गए उनके लिए श्रद्धांजलि सभा होगी की जाएगी. उन्होंने कहा कि देश के अलग-अलग राष्ट्रीय मसलों पर संत समाज चर्चा करेगा और सबसे अहम राम मंदिर के मुद्दे पर धर्म आदेश जारी किया जाएगा.
उन्होंने कहा कि संत समाज सरकार को राम मंदिर निर्माण के लिए आदेश देगा. अगर सरकार संसद के शीतकालीन सत्र में कानून लेकर नहीं आती कुंभ के दौरान साधु-संत बैठक करेंगे और फैसला करेंगे.