नई दिल्ली। भारत के लिए अंडर-19 वर्ल्ड कप में सबसे अधिक विकेट लेने वाले सौरभ नेत्रवलकर अमेरिकी क्रिकेट टीम के नए कप्तान बनाए गए हैं. वे ओमान में खेली जाने वाली आईसीसी वर्ल्ड क्रिकेट लीग डिवीजन-3 टूर्नामेंट में टीम की कमान संभालेंगे. यह टूर्नामेंट 2023 में होने वाले वर्ल्ड कप का क्वालिफायर है.
नेत्रवलकर को पिछले महीने अमेरिकी टीम का कप्तान बनाया गया है. उन्हें 36 साल के इब्राहिम खलील की जगह टीम की कमान सौंपी गई है. हैदराबाद में जन्मे इब्राहिम भारत में हैदराबाद और आईसीएल के लिए खेलने के बाद अमेरिका में बस गए हैं.
बाएं हाथ के तेज गेंदबाज सौरभ नेत्रवलकर
27 साल के सौरभ नेत्रवलकर बाएं हाथ के तेज गेंदबाज हैं. वे 2010 में खेले गए आईसीसी अंडर-19 वर्ल्ड कप में भारतीय टीम का हिस्सा थे. उन्होंने तब टूर्नामेंट में 6 मैच में सबसे अधिक विकेट झटके थे. नेत्रवलकर ने इसके बाद मुंबई के लिए कूच बेहार ट्रॉफी में भी हिस्सा लिया. वे रणजी मैच भी खेले. लेकिन इसके बाद वे भारत छोड़कर अमेरिका चले गए.
पढ़ाई के लिए छोड़ दी थी क्रिकेट
नेत्रवलकर ने एक अंग्रेजी अखबार को बताया कि वे अंडर-19 वर्ल्ड कप के बाद दो साल तक पूरी गंभीरता के साथ क्रिकेट खेलते रहे. लेकिन उनका करियर आगे बढ़ता नहीं लग रहा था. इसके बाद उन्होंने कंम्यूटर इंजीनियरिंग की मास्टर डिग्री लेने का निर्णय लिया. इसके बाद वे क्रिकेट छोड़कर अमेरिका चले गए. अमेरिका में उन्होंने मास्टर डिग्री ली. इसी दौरान वे वहां शौकियातौर पर खेलते रहे.
शोएब मलिक की कप्तानी में भी खेल चुके हैं
नेत्रवलकर लॉस एंजिलिस में 50 ओवर के मैच खेलते थे. इसी दौरान उन पर अमेरिकी चयनकर्ताओं की नजर पड़ी और उनकी फिर से प्रोफेशनल क्रिकेटर बनने की राह आसान हो गई. वे इसी साल जनवरी में अमेरिकी टीम में चुन लिए गए. अपने अच्छे प्रदर्शन के कारण उन्हें अमेरिका से बाहर भी पहचान मिली और वे वेस्टइंडीज में होने वाली टी20 लीग की गुयाना अमेजन वारियर्स की टीम में भी चुन लिए गए. इस टीम के कप्तान पाकिस्तान के शोएब मलिक थे.
स्पोर्टस शूज तक अमेरिका नहीं ले गए थे सौरभ
सौरभ नेत्रवलकर ने क्रिकइंफो को बताया कि जब वे क्रिकेटर बनने का ख्याल छोड़कर ही अमेरिका गए थे. इसीलिए वे वहां अपने स्पोर्ट्स शूज तक नहीं ले गए थे. उन्होंने कहा, ‘मैंने पढ़ाई के दौरान जब देखा कि यहां क्रिकेट भी खेली जाती है. तब मैंने भी सोचा कि शौकिया तौर पर खेला जा सकता है. इसके बाद जब वे अगले बार भारत आए, तो यहां से अपना क्रिकेट किट अमेरिका लेकर गए.