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#MeToo जौहरी मामला : सीओए सदस्यों, बीसीसीआई कोषाध्यक्ष, वर्मा ने जांच पैनल के सामने दी गवाही

नई दिल्ली। सीओए अध्यक्ष विनोद राय सहित भारतीय क्रिकेट के शीर्ष पदाधिकारियों ने बीसीसीआई सीईओ राहुल जौहरी के खिलाफ कथित यौन उत्पीड़न की जांच कर रहे पैनल के सामने सोमवार (12 नवंबर) को गवाही दी. प्रशासकों की समिति के प्रमुख राय के अलावा सीओए सदस्य डायना एडुल्जी, बीसीसीआई कोषाध्यक्ष अनिरूद्ध चौधरी और आईपीएल याचिकाकर्ता आदित्य वर्मा ने तीन सदस्यीय पैनल के सामने गवाही दी.

ये सभी पैनल के समक्ष अलग-अलग पेश हुए. पैनल में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश राकेश शर्मा, दिल्ली महिला आयोग की पूर्व प्रमुख बरखा सिंह और वकील वीना गौड़ा शामिल हैं.

बीसीसीआई के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ”हां, राय, अनिरुद्ध, वर्मा ने पैनल के सामने गवाही दी. अमिताभ (कार्यवाहक सचिव अमिताभ चौधरी) गवाही देने के लिये नहीं पहुंच पाए, क्योंकि वह निजी कारणों से व्यस्त थे. यह पता नहीं चला कि सीके (ख्नन्ना) गवाही देने के लिये क्यों नहीं पहुंचे.’’

हालांकि, बीसीसीआई का एक वर्ग राय और एडुल्जी के पैनल के समक्ष पेश होने से हैरान है, क्योंकि पैनल को 15 नवंबर को इन दोनों को ही अपनी रिपोर्ट सौंपनी है.

बता दें कि बीसीसीआई के कोषाध्यक्ष अनिरुद्ध चौधरी पहले शीर्ष पदाधिकारी हैं, जिन्होंने स्वतंत्र जांच पैनल को सीईओ राहुल जौहरी के खिलाफ कथित यौन उत्पीड़न के मामले में मदद की पेशकश की है. बीसीसीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने गोपनीयता की शर्त पर कहा था, ”हां, अनिरुद्ध ने शुक्रवार की रात पैनल को ईमेल करके जांच में मदद करने की पेशकश की है. वह पहले शीर्ष पदाधिकारी हैं जो खुलकर सामने आए हैं और समिति को मेल किया है.”

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राहुल जौहरी पर एक अज्ञात महिला ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाए थे. इसके बाद सीओए ने उनसे जवाब मांगा था. अपनी सफाई में जौहरी ने आरोपों से इनकार किया था. तभी सीओए ने तीन सदस्यीय स्वतंत्र समिति का गठन करने का फैसला किया था.

इस तीन सदस्यीय समिति में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश राकेश शर्मा, दिल्ली महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष बरखा सिंह और सीबीआई के पूर्व निदेशक रिटायर्ड आईपीएस पी.सी. शर्मा शामिल हैं. वहीं, बोर्ड की सात राज्य इकाइयों ने राहुल जौहरी के खिलाफ लगे आरोपों की जांच लंबित रहने तक उन्हें निलंबित करने की मांग की है. पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने इस मामले में बोर्ड को ई-मेल भेजा था. उन्होंने लिखा था कि इस मामले को जिस तरीके से निपटा गया, वह चिंताजनक है. सौरव गांगुली बंगाल क्रिकेट एसोसिएशन (कैब) के अध्यक्ष भी हैं.

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