जयपुर। राजस्थान चुनावों के लिए नामांकन प्रक्रिया शुरू होने और बीजेपी की तरफ से 162 प्रत्याशी घोषित होने के बावजूद कांग्रेस ने अभी तक टिकट नहीं बांटे हैं और उसके प्रत्याशियों की पहली सूची भी जारी नहीं कर पाई है. लिहाजा टिकट की कतार में लगे कई प्रत्याशियों का धैर्य जवाब देने लगा है. राजस्थान विधानसभा में प्रतिपक्ष उपनेता तथा कांग्रेस के विधायक रमेश मीणा ने ऐलान करते कहा है कि वह पार्टी के प्रत्याशी के रूप में नामांकन दाखिल करेंगे. मीणा सपोतरा विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं.
उन्होंने कहा कि वह 16 नवंबर को नामांकन दाखिल करेंगे. रमेश मीणा ने कहा, ‘‘मुझे इस सीट पर अपनी जीत का पूरा भरोसा है इसलिए मैं सपोतरा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में अपना पर्चा 16 नवंबर को दाखिल करूंगा.’’ उल्लेखनीय है कि कांग्रेस के दो बड़े नेताओं ने मंगलवार को ही अपने नामांकन दाखिल कर दिए. कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव व घोषणा पत्र समिति के अध्यक्ष हरीश चौधरी ने बायतू विधानसभा से तथा पूर्व राजस्व मंत्री हेमाराम चौधरी ने गुड़ामालाणी सीट से अपना नामांकन दाखिल किया.
अशोक गहलोत और सचिन पायलट लड़ेंगे चुनाव
इस बीच राजस्थान में कांग्रेस की तरफ से मुख्यमंत्री पद की दौड़ बुधवार को उस वक्त तेज हो गई जब पार्टी के संगठन महासचिव अशोक गहलोत ने कहा कि वह और प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट चुनाव मैदान में उतरेंगे. राज्य की सियासी हलचल को तेज करने वाले उनके इस बयान की काफी अहमियत है क्योंकि गहलोत और पायलट को कांग्रेस की सरकार बनने पर मुख्यमंत्री के चेहरे के तौर पर देखा जा रहा है. हालांकि दोनों ने कभी खुलकर आपनी दावेदारी पेश नहीं की है, किंतु मुख्यमंत्री के सवाल को लेकर इनके समर्थकों की तरफ से समय-समय पर बयान आते रहे हैं.
गहलोत के चुनाव लड़ने की घोषणा के बाद पायलट ने भी कहा कि गहलोत और वह चुनाव लड़ेंगे. कांग्रेस के संगठन महासचिव ने यह भी स्पष्ट किया कि पार्टी राजस्थान में मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित नहीं करेगी. भाजपा सांसद के हरीश चंद्र मीणा के कांग्रेस में शामिल होने के अवसर पर बुलाये गये संवाददाता सम्मेलन में गहलोत ने कहा, ‘जो अफवाहें चल रही थीं कि कांग्रेस में फूट है, वो भाजपा का षड़यंत्र था. उसका पर्दाफाश भी पिछले दो महीने में हो चुका है. मीडिया ने खूब उसको उछालने का प्रयास किया, क्योंकि मीडिया पर दबाव बहुत ज्यादा है.’’
उन्होंने कहा, ‘‘ हम सब मैदान में एकसाथ चुनाव के लिए उतर रहे हैं. सचिन पायलट जी भी और मैं भी. हम सब चुनाव लडेंगे. चुनाव हम सब लड़ेंगे और जो नेता लड़ना चाहते हैं, सब लड़ो चुनाव.’’ इस मौके पर मौजूद पायलट ने भी कहा, ‘मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि राहुल गांधी जी के आदेश के बाद और अशोक गहलोत जी के आग्रह के बाद मैं भी विधानसभा का चुनाव लडूंगा. गहलोत साहब भी लड़ेंगे और हम सब मिलकर कांग्रेस पार्टी को भारी बहुमत से जिताएंगे.’’
माना जा रहा है कि गहलोत अपनी परंपरागत सीट सरदारपुरा (जोधपुर) से चुनाव लड़ेंगे, हालांकि पायलट की सीट को लेकर अभी कुछ तय नहीं है. सूत्रों का कहना है कि पायलट अजमेर या दौसा की किसी सीट से चुनावी मैदान में उतर सकते हैं. पायलट पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ेंगे. वह दौसा और अमजेर से सांसद रह चुके हैं, हालांकि 2014 में वह अजमेर से हार गए थे.
मुख्यमंत्री की उम्मीदवारी के बारे में पूछे जाने पर गहलोत ने कहा, ‘‘आजादी के बाद राजस्थान में कांग्रेस ने कभी मुख्यमंत्री का उम्मीदवार घोषित नहीं किया. इसलिए मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार का सवाल नहीं है.’’ राज्य की 200 सीटों के लिए नामांकन पत्र 19 नवंबर तक दाखिल किए जा सकेंगे. नामांकन पत्रों की जांच 20 नवंबर को की जाएगी जबकि नाम वापसी की आखिरी तारीख 22 नवंबर है. मतदान सात दिसंबर को और मतगणना 11 दिसंबर को होगी.