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सज्जाद लोन के पिता अब्दुल गनी पाकिस्तान से घाटी में बंदूक लाए: फारूक अब्दुल्ला

बारामुुला। जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कांफ्रेंस के वरिष्ठ नेता फारूक अब्दुल्ला ने पीपुल्स कांफ्रेंस के नेता सज्जाद लोन के पिता अब्दुल गनी लोन पर गंभीर आरेाप लगाए हैं. फारूक अब्दुल्ला ने कहा आरोप लगाया है कि कश्मीर घाटी में अब्दुल गनी बंदूक लेकर आए हैं. न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक फारूक अब्दुल्ला ने कहा, ‘जब उन्हें (अब्दुल गनी लोन) पूर्व राज्यपाल जगमोहन ने बर्खास्त किया था तब उसके (सज्जाद लोन) पिता मेरे पास आए थे, उसने मुझसे कहा मैं पाकिस्तान जा रहा हूं, मैं बंदूक लाने वाला हूं. मैंने उससे कहा, बंदूक मत लाइए, मगर वो लाए. बंदूक नहीं लानी चाहिए थी. इसका जवाब दें वो.’

बारामुला में पत्रकारों से बातचीत में फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि अब्दुल गनी ही घाटी में सबसे पहले बंदूक लेकर आए हैं, जिसका असर आज तक घाटी के लोग झेल रहे हैं. अब यह बेहद खतरनाक हालत में पहुंच चुका है. फारूक का यह बयान सज्जाद लोन के उस बयान पर आया है, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि नेशनल कांफ्रेंस की वजह से रियासत की विशेष पहचान को नुकसान पहुंचा है.

‘भारत-पाकिस्तान के बीच दोस्ती बढ़े’
जम्मू एवं कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और लोकसभा सदस्य फारूक अब्दुल्ला ने रविवार को कहा कि जिस दिन भारत और पाकिस्तान में दोस्ती हो जाएगी, कश्मीर का मुद्दा खुद ब खुद सुलझ जाएगा. जम्मू एवं कश्मीर के बारामुला जिले मे मीडिया को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, “नेशनल कांफ्रेंस ने भारत और पाकिस्तान के बीच हमेशा दोस्ताना संबंध का समर्थन किया है.” उन्होंने कहा जिस दिन दोनों देश सच्चे दोस्त बन जाएंगे, कश्मीर का मामला खुद ब खुद सुलझ जाएगा.

उन्होंने इस बात को खारिज कर दिया कि केंद्र सरकार ने स्वायत्तता की मांग को ठुकरा दिया है. अब्दुल्ला ने कहा, “केंद्र इस मांग को खारिज नहीं कर सकती, क्योंकि राज्य के लोगों के पास संविधान के अंतर्गत ऐसी मांग करने का पूरा अधिकार है.”

शारदा पीठ कॉरिडोर का किया समर्थन
इसके अलावा फारूक अब्दुल्ला ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में शारदा पीठ तक करतारपुर कॉरिडोर जैसे ही कॉरिडोर विकसित करने की मांग का समर्थन किया. उन्होंने करतारपुर कॉरिडोर की शुरुआत को एक स्वागतयोग्य कदम बताया है, क्योंकि यह भारत और पाकिस्तान के बीच लोगों के लोगों से संपर्क के दरवाजे खोलेगा.

उन्होंने कहा कि कश्मीरी पंडित समुदाय के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थस्थल होने के अलावा, शारदा पीठ जम्मू एवं कश्मीर के लोगों के लिए ऐतिहासिक रूप से ज्ञान व सीखने का गढ़ रहा है. उन्होंने कहा, ‘करतारपुर कॉरिडोर की शुरुआत को कश्मीरी पंडित समुदाय शारदा पीठ तक तीर्थाटन करने की संभावना के तौर पर देख रहे हैं.’ शारदा पीठ पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के शारदा गांव में स्थित एक प्राचीन हिदू मंदिर है.

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