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बुलंदशहर : मारे गए SHO के ड्राइवर और एडीजी ने बताई हिंसा पर उतारू भीड़ की कहानी

बुलंदशहर/लखनऊ।  गोकशी को लेकर बुलंदशहर में हुए बवाल पर ADG (लॉ एंड ऑर्डर) आनंद कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दे दिए गए हैं. पुलिस इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की मौत कैसे हुई, फिलहाल इसको लेकर जानकारी नहीं है. लेकिन, उन्होंने यह कहा कि उनके सिर पर गंभीर चोट लगी थी जिसकी वजह से उनकी मौत हुई. स्थानीय युवक सुमित की मौत गोली लगने से हुई, लेकिन उसे किसने गोली मारी इसकी जांच की जा रही है.

SHO सुबोध कुमार की गाड़ी के ड्राइवर रामाश्रय ने इस घटना के बारे में पूरी बात बताई. उन्होंने कहा कि घायल होने जाने के बाद दरोगा सुबोध कुमार को मैं एक स्थानीय युवक विरेंद्र की मदद से अस्पताल ले जाने के लिए खेत से लाकर जीप में लाद रहे थे. अचानक से भीड़ आ गई और कहने लगी ‘मारो-मारो’, जिसके बाद हम वहां से भाग गये. इस दौरान गोली भी चल रही थी.

 

 

एडीजी ने कहा कि जब गोकशी की खबर आई तो पुलिस बल मौके पर पहुंची. इस घटना से भीड़ में गुस्सा था, इसलिए पुलिस के पहुंचते ही आक्रोशित गांववालों ने पुलिस पर हमला कर दिया और जमकर पत्थरबाजी की गई. भड़की भीड़ ने 15 वाहनों को आग के हवाले कर दिया. हालात पर काबू पाने के लिए पुलिस ने पहले लाठीचार्ज किया. भीड़ के काबू में नहीं होने पर बाद में हवाई फायरिंग भी की गई. इस घटना में इंस्पेक्टर, सिपाही समेत अब तक तीन लोगों की मौत हो चुकी है.

Bulandshahr Violence over Cow Salughter, Inspector Subodh Kumar killed by protesters
                                            मारे गए इंस्पेक्टर सुबोध कुमार. (फोटो साभार PTI)

प्रदेश सरकार ने इस मामले की जांच एडीजी इंटेलिजेंस को सौंपी है जो 48 घंटे के अंदर रिपोर्ट देंगे इसके साथ ही मेरठ रेंज के महानिरीक्षक की अध्यक्षता में एक एसआईटी का भी गठन किया गया है. बुलंदशहर में हुई घटना में पांच पुलिसकर्मी और करीब आधा दर्जन आम लोगों को भी मामूली चोटें आई हैं. भीड़ की हिंसा में कई गाड़ियों को भी नुकसान पहुंचाया गया है तथा तीन कारों को आग लगा दी गई. बताया जा रहा है कि इस हिंसा में तीन गांव के करीब चार सौ लोग शामिल हैं.

गोकशी की खबर से गुस्साई भीड़ ने इस दौरान पुलिस पर पथराव करते हुए उसके कई वाहनों और चिंगरावठी पुलिस चौकी में आग लगा दी. मामले की सूचना मिलने के बाद कई थानों की पुलिस और आला अधिकारी घटनास्थल पर पहुंच गए और हालात को काबू में करने के प्रयास किए जा रहे हैं. मेरठ मंडल आयुक्त अनीता सी मेश्राम ने इस मामले में स्याना के कोतवाल सुबोध कुमार सिंह की मौत की पुष्टि की है.

                                              (फोटो साभार PTI)

एडीजी आनंद ने बताया कि इस संबंध में एक मामला गोकशी का दर्ज किया गया है जिसमें सात नामजद हैं, लेकिन अभी सुरक्षा की दृष्टि से इन लोगों के नाम नहीं बताये जा सकते हैं. उपद्रव के दौरान सुमित नाम के एक युवक की भी मौत इलाज के दौरान मेरठ के अस्पताल में हो गयी है. उसे गोली लगी थी. अभी यह साफ नहीं हो पाया है कि उसकी मौत किसकी गोली से हुई है.

एडीजी के मुताबिक कथित गोकशी की घटना के बाद एफआईआर लिख ली गयी थी लेकिन भीड़ ने सड़क पर जाम लगा दिया था. इसी जाम को हटाने के दौरान भीड़ उग्र हो गयी और दोपहर 12 से डेढ़ बजे के बीच पथराव और हिंसा हुई. उन्होंने कहा कि जिले में पांच कंपनी आरएएफ तथा छह कंपनी पीएसी पहले से ही तैनात थी और पुलिस बल भेजा जा रहा है. उन्होंने कहा कि मुस्लिम समुदाय के इज्तेमा में शामिल अभी करीब आधे लोग वहां हैं जिन्हें पुलिस की कड़ी सुरक्षा व्यवस्था में वहां से निकाला जा रहा है.

                                           (फोटो साभार PTI)

बुलन्दशहर सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार थाना कोतवाली क्षेत्र के गांव महाव के जंगल में रविवार की रात अज्ञात लोगों ने कथित तौर पर करीब 25-30 गोवंश काट डाले थे. यह सूचना मिलने पर लोगों में आक्रोश फैल गया. गुस्साए लोग घटनास्थल पर पहुंचे और कथित तौर पर काटे गए गोवंश के गोवंश अवशेषों को ट्रैक्टर ट्रॉली में भरकर सोमवार सुबह चिंगरावठी पुलिस चौकी पर पहुंचे.

गुस्साई भीड़ ने बुलंदशहर-गढ़ स्टेट हाईवे पर ट्रैक्टर ट्रॉली लगाकर रास्ता जाम कर दिया और पुलिस प्रशासन के खिलाफ जोरदार नारेबाजी शुरू कर दी. सूचना मिलने पर एसडीएम अविनाश कुमार मौर्य और सीओ एसपी शर्मा पहुंचे. इसके बाद लोगों का गुस्सा भड़क गया और उन्होंने पुलिस पर पथराव करना शुरू कर दिया. बेकाबू भीड़ ने पुलिस के कई वाहन फूंक दिए. साथ ही चिंगरावठी पुलिस चौकी में आग लगा दी.

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