नई दिल्ली। वरिष्ठ राजनेता शरद यादव ने अपने उस बयान पर माफी मांग ली है, जिसमें उन्होंने राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया की शरीरिक बनावट पर बयान दिया था. शरद यादव ने कहा था, ‘वसुंधरा को आराम दो, थक गई हैं, बहुत मोटी हो गई हैं.’ इसपर वसुंधरा ने नाराजगी जाहिर की थी. उन्होंने कहा था कि शरद यादव ने महिलाओं को अपमान किया है. निर्वाचन आयोग को इसपर कार्रवाई करनी चाहिए. वसुंधरा की ओर से नाराजगी जाहिर करने के बाद शरद यादव ने कहा, ‘हमारा उनके (वसुंधरा) साथ बहुत की पुराना पारिवारिक संबंध है. अगर मेरे शब्द से उन्हें चोट पहुंची है तो मैं क्षमा चाहता हूं. मैं उन्हें पत्र भी लिखूंगा.’
इससे पहले मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने शरद यादव की टिप्पणी को महिलाओं का अपमान बताया था और कहा था कि निर्वाचन आयोग को इस पर कार्रवाई करनी चाहिए. मुख्यमंत्री राजे ने झालावाड़ में मतदान करने के बाद संवाददाताओं से कहा के पूर्व केंद्रीय मंत्री यादव का बयान ‘उनका और विशेष रूप से महिलाओं का अपमान है.’ उन्होंने कहा, ‘मैं पूरी तरह हतप्रभ रह गयी. मुझे नहीं लगता है कि इतने लंबे अनुभव वाला और हमारे परिवार से करीबी ताल्लुकात रखन वाला कोई भी नेता अपनी वाणी पर संयम नहीं रख पाएगा. इससे बुरी बात और क्या हो सकती है?’
यादव ने अलवर में एक चुनावी सभा में कथित तौर पर कहा था, ‘वसुंधरा को आराम दो, बहुत थक गई हैं. बहुत मोटी हो गई हैं.’ राजे ने कहा कि निर्वाचन आयोग को इस तरह के बयानों पर संज्ञान लेना चाहिए ताकि सुनिश्चित किया जा सके कि भविष्य में कोई ऐसी भाषा का इस्तेमाल ना करे. इसके साथ ही राजे ने कहा उन्होंने कहा कि इस तरह की भाषा से युवा पीढ़ी को कोई अच्छा संदेश नहीं जाता है. उन्होंने कहा, ‘यह भाषा तो कोई भी इस्तेमाल कर सकता है लेकिन बीजेपी नेताओं के मुंह से तो सुनने को नहीं मिलती. कांग्रेस व उसके सहयोगी दल के मुंह से क्यों सुनने को मिलता है.’
माकपा नेता बृंदा करात ने वरिष्ठ समाजवादी नेता शरद यादव से राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के लिये की गई टिप्पणी को आपत्तिजनक बताते हुये कहा था कि यादव को राजे से माफी मांगनी चाहिये.
करात ने शुक्रवार को कहा ‘शरद यादव जैसे वरिष्ठ नेता द्वारा राजस्थान की मुख्यमंत्री के लिये इस तरह का अपमानजनक बयान देना बेहद आपत्तिजनक है. यादव को अपना बयान वापस लेकर माफी मांगना चाहिये.’
सपा के प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी ने कहा था ‘हम सभी को सार्वजनिक जीवन में मर्यादित एवं संयमित भाषा का इस्तेमाल करना चाहिये जिससे कोई किसी की बात से आहत न हो.’ चौधरी ने कहा कि बीजेपी सहित सभी दलों के नेताओं को इस मर्यादा का ख्याल रखना चाहिये.
वहीं आप के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने इस मामले में बीजेपी को ही घेरते हुये कहा कि शब्दों और भाषा की मर्यादा तोड़ने का काम खुद बीजेपी और उसके संगठनों के नेता कर रहे हैं. सिंह ने कहा ‘शरद यादव ने कुछ भी अनुचित नहीं कहा है. जिस हिंदू वाहिनी के लोग कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू का सर काटने की बात करते हों और भगवान तक की जाति बताने जैसे बयान देने वालों से भाषा की मर्यादा सीखने की हमें जरूरत नहीं है.’