Friday , November 22 2024

INDvsAUS: पर्थ टेस्ट के लिए 13 सदस्यीय टीम इंडिया; जानिए क्या है विराट का इरादा

 भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच टेस्ट सीरीज में पर्थ में होने वाले दूसरे टेस्ट के लिए बीसीसीआई ने इसी साल शुरू की परंपरा के मुताबिक, एक दिन पहले ही टीम इंडिया के अंतिम 13 खिलाड़ियों की लिस्ट जारी की है. इस लिस्ट में कई नए नाम हैं तो कुछ नाम हटे भी हैं. जहां पहले टेस्ट में खेले रोहित शर्मा और रविचंद्रन अश्विन के नाम चोटिल हो जाने की वजह से इस लिस्ट में नहीं हैं तो वहीं भुवनेश्वर कुमार, उमेश यादव और रवींद्र जडेजा को टीम में शामिल किया गया है. इस चयन के पीछे टीम इंडिया की रणनीति साफ झलक रही है कि भारत के कप्तान विराट कोहली पर्थ में किस तरह से ऑस्ट्रेलिया का मुकाबला करेंगे.

शुक्रवार से शुरू होने वाला यह मैच पर्थ के नए ऑप्टस स्टेडियम में होने जा रहा है जहां अब तक एक भी टेस्ट मैच नहीं खेला गया है. इसके बावजूद कहा जा रहा है कि इस मैदान की पिच भी उसी तरह तेज होगी जैसी की इस शहर के पुराने वाका मैदान की बताई जाती है. इसके अलावा एक खास बात यह भी है कि एडिलेड कि पिच ऑस्ट्रेलिया की सबसे कम तेज पिच मानी जाती है. ऐसे में टीम संयोजन में बदलाव होना कोई हैरानी का सबब नहीं बनता

तेज गेंदबाजों की ज्यादा जरूरत है विराट को
पहले बात करें तेज गेंदबाजों की. विराट कोहली ने इस मैच के लिए अपने सभी तेज गेंदबाजों को शामिल किया है. साफ है कि इस बार विराट कम से कम चार तेज गेंदबाजों के साथ उतरेंगे. कारण भी जाहिर ही है तेज पिच पर विराट अपनी गेंदबाजी को मजबूत ही करना चाहते हैं. इसी लिए इस बार उन्होंने सीधे पाचों तेज गेंदबाजों को टीम में शामिल कर लिया भले ही उसके लिए 12 की जगह 13 सदस्यीय टीम घोषित करनी पड़ी.

हार्दिक की कमी महसूस हो रही है विराट को
विराट पहले ही कह चुके हैं कि वे हार्दिक पांड्या को मिस कर रहे हैं जिनके होने से टीम में एक ही खिलाड़ी की जगह पर एक गेंदबाज और एक बल्लेबाज दोनों को जगह मिल जाती. अब ये काम रवींद्र जडेजा और हनुमा विहारी कर तो सकते हैं, लेकिन समस्या यह है कि ये दोनों ही तेज गेंदबाज नहीं हैं और विराट को टीम में तेज गेंदबाज वाले ऑलराउंडर की जरूरत है. विराट की यह चिंता टीम के चयन में दिखी है. विराट ने अंतिम 13 में विहारी और जडेजा दोनों को शामिल किया है. वहीं जडेजा के चयन की वजह अश्विन का चोटिल होना भी है जिन्होंने एडिलेड में बढ़िया गेंदबाजी के साथ ठीक-ठाक बल्लेबाजी भी की थी. अश्विन ने पहले टेस्ट में 25 और 5 रनों की पारियां खेली थी. बहराल स्पष्ट है कि विराट अपने बैटिंग ऑर्डर को लेकर भी संतुष्ट नहीं हैं.

बल्लेबाजी में भी हैं विराट की चिंताएं
एडिलेड में पहली पारी में चेतेश्वर पुजारा के अलावा भारत के टॉप ऑर्डर और मिडिल ऑर्डर पूरी तरह से फेल हो गया था. दूसरी पारी में भी पुजारा और रहाणे के अलावा बाकी बल्लेबाज विराट में भरोसा नहीं जगा सके थे. खुद विराट भी दूसरी पारी में केवल 34 रन ही बना सके थे. हालाकि विराट के लिए राहत की बात यह रही थी कि दूसरी पारी में टॉप ऑर्डर 50 से ज्यादा (65) रनों की साझेदारी करने में कामयाब रहा. इसके अलावा विराट टीम के लोअर ऑर्डर पर बिलकुल भी भरोसा करने की स्थिति में नहीं हैं, खासकर तब जब एडिलेड की दूसरी पारी में टीम के अंतिम चार विकेट केवल चार रन पर गिर गए थे ये चार रन भी बल्ले से नहीं आए थे.

कौन होगा अंतिम 11 में
अब सवाल उठता है कि विराट अंतिम 11 में किसे शामिल नहीं करेंगे. इतना साफ है कि अंतिम 11 में विराट 5 गेंदबाजों के साथ उतरने का जोखिम नहीं ले सकते क्योंकि अगर उन्होंने ऐसा किया तो बल्लेबाजी शायद उतनी मजबूत न रह पाए. पर्थ की तेज पिच में ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों को मदद मिलने की उम्मीद हैं ऐसे में टीम इंडिया की बल्लेबाजी का तगड़ा इम्तिहान होना तय है. अब विराट पांच से चार गेंदबाज के साथ ही उतरें इसकी संभावना ज्यादा है. वहीं बाकि खिलाड़ियों में चुनाव हनुमा विहारी और रवींद्र जडेजा में से एक को लेने तक आ सकता है. इस लिहाज से इतना तय माना जा सकता है कि पर्थ में टॉप पांच बल्लेबाज वहीं खेलते दिखाई देंगे जो एडिलेड में खेले थे.

इस सीरीज का पहला टेस्ट टीम इंडिया ने जीत कर 71 साल के इतिहास में पहली बार ऑस्ट्रेलिया में किसी टेस्ट सीरीज का पहला मैच जीता था. एडिलेड में हुए इस मैच में टीम इंडिया ने ऑस्ट्रेलिया को 31 रनों से मात दी थी. इस मैच में ऑस्ट्रेलिया ने टीम इंडिया को कड़ी टक्कर दी थी.

भारतीय टीम इस प्रकार है
विराट कोहली (कप्तान), मुरली विजय, लोकेश राहुल, चेतेश्वर पुजारा, अजिंक्य रहाणे, हनुमा विहारी, ऋषभ पंत (विकेटकीपर), रवींद्र जडेजा, मोहम्मद शमी, ईशांत शर्मा, जसप्रीत बुमराह भवनेश्वर कुमार, उमेश यादव.

साहसी पत्रकारिता को सपोर्ट करें,
आई वॉच इंडिया के संचालन में सहयोग करें। देश के बड़े मीडिया नेटवर्क को कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर इन्हें ख़ूब फ़ंडिग मिलती है। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें।

About I watch