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राफेल पर रार जारी, जेटली ने JPC की मांग ठुकराते हुए कांग्रेस पर किया पलटवार

नई दिल्ली। राफेल पर चल रही रार सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भी जारी है. कांग्रेस जहां इस मुद्दे पर जेपीसी की मांग कर रही है, वहीं केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद इस मांग को सिरे से खारिज कर रही है. अब वित्त मंत्री अरुण जेटली ने भी कांग्रेस की मांग ठुकराते हुए फेसबुक पोस्ट के जरिए करारा हमला किया है.

जेटली ने कहा कि न्यायालय का निर्णय अंतिम है और उसके बाद कैग की राय का कोई मतलब नहीं रह जाता. उन्होंने फेसबुक पर अपने लेख में कहा कि कांग्रेस झूठ फैलाने के अपने पहले प्रयास में विफल रही और अब न्यायालय के ‘निर्णय पर नए झूठ गढ़ रही है.’

गौरतलब है कि संसद के शीतकालीन सत्र के पहले चार दिन राफेल और कुछ अन्य मुद्दों को लेकर हंगामे की भेंट चढ़ चुके हैं. जेटली ने कहा कि विपक्षी कांग्रेस संसद के शेष सत्र में राफेल पर चर्चा के बजाय हंगामा करना चाहेगी.

उच्चतम न्यायालय में राफेल मामले में कांग्रेस याचिकाकर्ता नहीं थी. कांग्रेस चाहती है कि राफेल मामले की जांच के लिए जेपीसी बनायी जाए, ताकि भाजपा सरकार ने जिस कीमत पर लड़ाकू जेट विमान खरीदने का करार किया है, उसकी तुलना कांग्रेस के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के दौरान इन विमानों की कीमत पर हुई बातचीत से की जा सके. कांग्रेस का कहना है कि जेपीसी की जांच से यह भी साफ होगा कि अनिल अंबानी समूह को इस सौदे में राफेल की विनिर्माता फ्रांसीसी कंपनी के आफसेट भागीदार के लिए कैसे चुना गया है.

जेटली ने अपने फेसबुक पोस्ट की हेडिंग दी है- ‘राफेल- झूठ, थोड़े समय तक चला झूठ तथा आगे और झूठ?’’ उन्होंने लिखा है कि उच्चतम न्यायालय ने इस पर अंतिम शब्द कह दिया है और उससे इसकी वैधता सिद्ध हो चुकी है. कोई राजनीतिक निकाय उच्चतम न्यायालय के निष्कर्ष के उलट निष्कर्ष नहीं निकाल सकता.’’

उच्चतम न्यायालय के फैसले में इस ‘अस्पष्टता’ के दावे पर कि इस विषय की समीक्षा कैग ने कर ली है और अब यह PAC को भेजा गया है. इस पर जेटली ने कहा कि रक्षा सौदे आडिट के लिए कैग के पास जाते हैं और जो अपनी रपट पीएसी के लिए भेजता है.

जेटली ने कहा कि इस बात को सरकार ने तथ्यात्मक रूप से और पूरी तरह सही ढंग से सर्वोच्च अदालत के समक्ष रखा था. राफेल की आडिट जांच कैग के समक्ष लंबित है. उसके साथ सभी तथ्य साझा किए गए हैं. जब कैग की रिपोर्ट आएगी तो उसे पीएसी को भेजा जाएगा. इसके बावजूद यदि अदालत के आदेश में किसी तरह की विसंगति है, तो कोई भी न्यायालय के समक्ष उसे ठीक करवाने के लिए अपील कर सकता है.’

उन्होंने कहा कि न्यायालय के समक्ष सही तस्वीर रखी गई है और अब यह अदालत के विवेक पर है कि वह बताए कि कैग की समीक्षा किस चरण में लंबित है.

उन्होंने कहा कि प्रक्रिया, कीमत और आफसेट आपूर्तिकर्ता पर (न्यायालय के) अंतिम निष्कर्षों के संबंध में कैग की राय का कोई मायने नहीं है. लेकिन हार से बिदके लोग सच्चाई को कभी स्वीकार नहीं करते. तमाम तरह के झूठ में विफल होने के बाद अब उन्होंने न्यायालय के फैसले पर सवाल उठाना शुरू कर दिया है. जेटली ने कहा कि कांग्रेस अपने शुरुआती झूठ में विफल होने के बाद फैसले को लेकर कई और झूठ गढ़ रही है.

उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने तथ्यों पर झूठ बोला. उच्चतम न्यायालय के फैसले से रक्षा सौदों पर बहस की कांग्रेस पार्टी की कमजोरी उजागर हो गई है. देश को कांग्रेस की विरासत और उसके रक्षा सौदों के बारे में बताने का बड़ा अच्छा मौका है. इस पर मेरे जैसे लोगों के लिए बोलने का सचमुच यह बड़ा अच्छा अवसर है.

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