ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेली जा रही 4 टेस्ट मैचों की सीरीज के तीसरे मैच में टीम इंडिया ने ऐतिहासिक जीत दर्ज कर कंगारू टीम को 137 रनों से हरा दिया. मेलबर्न टेस्ट के पांचवें दिन की शुरुआत में ही टीम इंडिया ने ऑस्ट्रेलिया के 2 विकेट झटकने के साथ ही मैच अपने नाम कर लिया. इस जीत में अहम भूमिका निभाई भारत के युवा तेज गेदबाज जसप्रीत बुमराह ने मैच की दोनों पारियों में बुमराह ने 9 विकेट चटके. ऑस्ट्रेलिया की पहली पारी में बुमराह ने 3 विकेट लिए वहीं दूसरी पारी में ऑस्ट्रेलिया की आधी टीम भारत के इस पेसर ने समेटते हुए 6 विकेट अपने खाते में जोड़े.
टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली ने इस युवा गेंदबाज के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन पर जमकर तारीफ की. कोहली ने बताया कि कैसे बुमराह की सोच उन्हें अन्य लोगों से अलग करती है.
मेलबर्न टेस्ट में जीत के बाद मीडिया से बात करते हुए कोहली ने कहा, हम बहुत खुश हैं, हमारा लक्ष्य सीरीज पर जीतना है और निश्चित ही ट्रॉफी जीतेंगे. हमें हमेशा से विश्वास था कि हम ऑस्ट्रेलिया को हरा सकते हैं. मयंक अग्रवाल और जसप्रीत बुमराह ने इस जीत में अहम योगदान निभाया है. बुमराह ने पिच की तरफ देखा और कड़ी मेहनत की बजाए विकेट लेने की तरफ ध्यान केंद्रीत किया. उनकी यही सोच उन्हें दूसरों से अलग करती है.
टीम इंडिया की जीत पर कप्तान कोहली ने कहा कि मेरा ध्यान फील्ड के बाहर होने वाली बयानबाजी पर नहीं था. मैं टीम मैनेजमेंट के निर्णय से खुश था. विराट ने कहा, ‘ये अच्छी बात है कि मैं कोई कमेंट और ओपीनियन नहीं पढ़ता, मैं चाहता था कि हम और बल्लेबाजी करें और बोर्ड पर थोड़े और रन जोड़ें. क्योंकि चौथे और पांचवें दिन बल्लेबाजी करने में मुश्किल आ सकती है. ‘
कोहली ने मैच में जीत का श्रेय तेज गेंदबाजों को देते हुए कहा, ‘हम जानते थे कि ये ऑस्ट्रेलिया के मुश्किल भरा होगा. लेकिन हमें अपने गेंदबाजों को श्रेय देना होगा, खासतौर पर जसप्रीत बुमराह को. हमारे तीन तेज गेंदबाजों ने एक साल में सबसे ज्यादा विकेट लेने का रिकॉर्ड अपने किया, जोकि शानदार है. मैं निश्चित रूप से एक कप्तान के रूप में गर्व महसूस करता हूं जब वे साझेदारी में गेंदबाजी करते हैं. कोई भी एक-दूसरे को आउट नहीं करना चाहता है.’
इस वजह से घातक हैं बुमराह
भारत के गेंदबाजी कोच भरत अरूण ने कहा कि जसप्रीत बुमराह के अपरंपरागत गेंदबाजी एक्शन ने उन्हें विश्व क्रिकेट के सबसे खतरनाक तेज गेंदबाजों में से एक बना दिया है, क्योंकि विपक्षी टीम के बल्लेबाज के लिये उनकी गेंदों को समझना काफी मुश्किल हो जाता है. बुमराह ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीसरे टेस्ट में अभी तक 9 विकेट झटक लिये हैं और जनवरी में खेल के इस प्रारूप में पदार्पण के बाद उन्होंने 48 टेस्ट विकेट अपने नाम कर लिये हैं.
अरूण ने कहा, ‘बुमराह अपने अलग से गेंदबाजी एक्शन की वजह से काफी विशेष बन गया है. शायद बल्लेबाज उसकी गेंदों को थोड़ी देर से पकड़ पाते हैं जिससे वह काफी कारगर बन जाता है. निश्चित रूप से किसी भी तेज गेंदबाज को लगातार 145 किमी प्रति घंटे से या इससे ज्यादा की रफ्तार से गेंदबाजी करने के लिये हाथों से काफी तेज से गेंद निकालनी पड़ती है.’
उन्होंने चौथे दिन का खेल समाप्त होने के बाद प्रेस कांफ्रेंस में कहा, ‘बुमराह अपने गेंदबाजी एक्शन की वजह से टेस्ट में शुरूआत करने से पहले ही काफी अच्छा कर रहा था, हमें उस पर पूरा भरोसा था और उसकी गेंदों का सामना करने वाले ज्यादातर बल्लेबाजों ने कहा कि उसकी गेंदें समझना काफी मुश्किल था.’
अरूण ने कहा कि कोचिंग स्टॉफ को 25 वर्षीय बुमराह को मजबूत बनाये रखने के लिये काफी काम करना पड़ता है, क्योंकि उसके गेंदबाजी एक्शन उसके शरीर पर काफी बोझ पड़ता है. उन्होंने कहा, ‘मुझे बुमराह के साथ तब काम करने का मौका मिला जब वह अंडर-19 स्तर पर खेलता था, तब मैं एनसीए में था. मुझे लगा कि बुमराह अपने एक्शन से काफी तेज गेंदबाजी कर सकता है लेकिन इससे उसके शरीर पर असर पड़ता है. यह चुनौती थी और हमने इसके लिये फिजियो व ट्रेनर से चर्चा की थी. इसके बाद हमें लगा कि हमें उसे मजबूत बनाये रखने के लिये उस पर काम करना होगा.’