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गुजरात में हनुमान जी को पहनाई गई सांता क्लॉज की ड्रेस, हिंदू संगठनों ने जताया विरोध

बोटाद। राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव के समय राजनीतिक पार्टियों के नेताओं ने कई विवादित बयानों और मुद्दों को उछाला. नेताओं सियासी वार करने में जाति धर्म के साथ साथ भगवान को भी नहीं बक्शा. इन चुनावों में सबसे ज्यादा विवाद हुआ भगवान हनुमान जी पर दिए गए बयानों पर जब किसी ने उसे दलित बताया तो किसी ने मुसलमान. अब गुजरात में हनुमान जी को लेकर एक नया विवाद सामने आया है. यहां मंदिर में भगवान की पोषाक को लेकर विवाद खड़ा हो गया है.

गुजरात के बोटाद स्थित सुप्रसिद्ध हनुमान मंदिर में स्थापित हनुमान की मूर्ति को सांता क्लॉज के कपडे पहनाये गए. और इसकी फोटो को सोशल मीडिया पर डाल दिया गया. कुछ समय में ही यह खबर आग की तरह चारों तरफ फ़ैल गई. इसकी जानकारी हिन्दू संगठनों को मिलने पर विवाद खड़ा हो गया. भगवान सारंगपुर मंदिर में हनुमानजी को दिन में दो बार श्रीविग्रह के वस्त्र बदले जाते है जो की सालों की परंपरा है. लेकिन रविवार के दिन विवाद तब हुआ जब हनुमान जी को सांता क्लॉज के कपडे पुजारी द्वारा पहना दिए गए.

मुंबई के किसी भक्त द्वारा यह कपडे हनुमान के लिए खास तौर पर लाये गए थे. जिसे पुजारी द्वारा हनुमानजी को पहना दिया गया. बात आग की तरह फैली और हनुमान जी के कपडे पर स्थानीय हिन्दू संघठनो द्वारा जमकर विरोध किया गया. इस विरोध को देखकर कपडे बदल लिए गए. इस विवाद के खड़े होने के बाद मंदिर के पुजारी ने अपनी सफाई देते हुए कहा की इस मामले पर विवाद खड़ा करना उचित नहीं है. कपड़े गर्म और मखमली हैं, जिसे सर्दियों में भगवान को अर्पित किया गया है. अभी धर्नुमास चल रहा हैं. परंपरा के मुताबिक, भगवान को हर दिन अलग-अलग तरह के कपड़े पहनाए जाते हैं.

पुजारी ने कपड़ो के बारे में सफाई देते हुए कहा की मंदिर में हनुमानजी को लाल रंग की पोशाक पहनाई गई है. इसमें टोपी है. ड्रेस के किनारे पर सफेद बॉर्डर है.ये कहीं से सांता क्लॉज का पहनावा नहीं है. वहीं लोगों का दावा है कि इस तरह के कपड़े सांता क्लॉज के होते हैं. हिंदू संगठनों ने इसका विरोध किया और हनुमानजी को अर्पित किए गए कपड़े बदलने की मांग की. 

आपको बता दें कि राजस्थान में चुनाव प्रचार के दौरान यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने हनुमानजी को दलित बताया था. जिसके बाद उनकी काफी आलोचना हुई थी. लेकिन अलग-अलग नेताओं के बयानों ने इस विवाद को तब से लेकर अब तक बनाए रखा. किसी ने हनुमान जी को आदिवासी बताया तो किसी ने जाट, किसी उन्हें मुसलमान बताया तो किसी ने उन्हें खिलाड़ी बताते हुए अपना आराध्य देव करार दिया था.

पूर्व क्रिकेटर और विधायक ने बताया खिलाड़ी
उत्तर प्रदेश के अमरोहा ज़िले के नौगांव सादात से विधायक चेतन चौहान ने अपने बयान में कहा, “ हनुमान जी कुश्ती लड़ते थे, खिलाड़ी भी थे, जितने भी पहलवान लोग हैं उनकी पूजा करते हैं. मैं उनको वही मानता हूं, हमारे इष्ट हैं, भगवान की कोई जाति नहीं होती. मैं उनको जाति में नहीं बांटना चाहता.” चेतन दो बार अमरोहा से सांसद भी रह चुके हैं. इन दिनों ने उत्तर प्रदेश सरकार में खेल, युवा कल्याण मंत्री हैं.

यूपी के मंत्री ने बताया जाट
उत्‍तर प्रदेश सरकार में धर्मार्थ कार्य मंत्री चौधरी लक्ष्‍मी नारायण ने भगवान हुनमान को जाट बताया था. इससे पहले दिया. इसके पीछे उनका तर्क था कि ‘अगर जाट समुदाय किसी को भी मुसीबत से घिरा हुआ देखता है तो वह बिना मुसला और व्‍यक्ति को जाने उसकी मदद के लिए कूद जाता है’.

यूपी के एमएलसी ने बताया मुसलमान
इससे पहले भारतीय जनता पार्टी के एमएलसी बुक्कल नवाब ने हनुमान जी को मुस्लिम बताया था. बुक्कल नवाब कहते हैं कि हनुमान जी पूरे विश्व के थे, हर धर्म के थे, हर मजहब के थे. इतना ही नहीं बीजेपी के एमएलसी बुक्कल नवाब तो यह भी कहते हैं कि  ‘हमारा मानना है कि हनुमान जी मुसलमान थे, इसलिए हमारे अंदर जो नाम रखे जाते हैं, रहमान, रमजान, फरमान, जिशान, कुर्बान, जैसे जितने भी नाम रखे जाते हैं, वो करीब-करीब हनुमान जी के नाम पर ही रखे जाते हैं.’ बुक्कल नवाब की मानें तो यही वजह है कि हनुमान के नाम पर कोई हिन्दू अपना नाम नहीं रखता.

राजस्थान बीजेपी नेता ने बताया आदिवासी
राजस्थान में अलवर के भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) से विधायक ज्ञानदेव आहूजा ने हनुमानजी को दुनिया का पहला आदिवासी नेता बताया था. उन्होंने कहा था कि अन्य सभी देवी-देवताओं के मुकाबले हनुमानजी के ही मंदिर सबसे ज्यादा हैं, इसलिए उनके सम्मान में कुछ भी गलत नहीं कहना चाहिए. हनुमानजी जंगल में रहते थे और वानर समुदाय का प्रतिनिधित्व करते थे. उन्होंने सीताजी की खोज में भगवान राम की मदद की थी. वानर समुदाय के वे लोकप्रिय और शक्तिशाली नेता थे. इन सब बातों से साफ जाहिर है कि हनुमान जी दुनिया के पहले आदिवासी नेता थे.

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