भारतीय टीम के ऑस्ट्रेलिया में सीरीज जीतने के साथ ही दुनिया की सभी टीमें ‘वनडे क्रिकेट मोड’ में आ गई हैं. अब सभी टीमें जून-जुलाई में होने वाले आईसीसी वर्ल्ड कप की तैयारी में जुट गई हैं. जो खिलाड़ी ‘टारगेट-वर्ल्ड कप’ की योजना में फिट नहीं हैं, उन्हें अब इंटरनेशनल क्रिकेट से दूर रहना होगा. ऐसे खिलाड़ियों में टेस्ट स्पेशलिस्ट चेतेश्वर पुजारा जैसे खिलाड़ी शामिल हैं. ऐसे में यह भी सवाल उठता है कि पुजारा जैसे खिलाड़ी अगले छह महीने क्या करेंगे.
मजेदार बात यह है कि पुजारा के साथ ऐसा पहली बार नहीं हुआ है. 2015 में ऑस्ट्रेलिया में हुए विश्व कप से पहले भी पुजारा को इंटरनेशनल क्रिकेट से आठ महीने दूर रहना पड़ा था. तब उन्होंने दिसंबर 2014 में टेस्ट खेलने के बाद अगस्त 2015 में वापसी की थी. दिलचस्प बात यह भी है कि वापसी करते ही पहले ही मैच में शतक बना दिया था. तब उन्होंने श्रीलंका के खिलाफ कोलंबो में 145 रन की नाबाद पारी खेली थी. पुजारा के मुताबिक वे इंटरनेशनल क्रिकेट से दूर रहने के दौरान अपनी कमजोरियों को दूर करने के लिए मेहनत की थी.
अब पुजारा एक बार फिर 6-7 महीने के लिए इंटरनेशनल क्रिकेट से ‘अज्ञातवास’ पर चले गए हैं. भारत को अब जुलाई तक टेस्ट क्रिकेट नहीं खेलना है. पुजारा भारत की वनडे और टी20 टीम का हिस्सा नहीं हैं. टीम के प्लान में भी नहीं हैं. आईपीएल की किसी फ्रेंचाइजी ने भी उन पर दांव नहीं लगाया. यानी, अब उनके पास दो ही विकल्प हैं. या तो वे रणजी और काउंटी क्रिकेट खेलें या आराम करें. हाल ही में जब शिखर धवन टेस्ट टीम से बाहर हुए, तो उन्होंने अपना वक्त खेलने की बजाय घूमने-फिरने में बिताया. एमएस धोनी भी इस दौरान रणजी या ऐसे किसी मुकाबले में नहीं उतरे.
फिर वही सवाल. पुजारा क्या करेंगे. इसका जवाब खुद पुजारा ही देते हैं. वे कहते हैं, ‘‘मैं अब भारत लौटकर कुछ प्रथम श्रेणी मैच खेलूंगा. जब देश में आईपीएल खेला जा रहा है, तब काउंटी क्रिकेट में खेलूंगा. अगली टेस्ट सीरीज छह-सात महीने बाद है और इससे मुझे तैयारियों के लिये कुछ समय मिलेगा.’
तो क्या पुजारा का ध्यान सिर्फ टेस्ट क्रिकेट पर ही है. उन्हें वनडे और टी20 क्रिकेट आकर्षित नहीं करता. इसका जवाब उनके इन शब्दों में छिपा है. वे कहते हैं, ‘मैं सीमित ओवरों (वनडे/टी20) की क्रिकेट खेलना चाहता हूं. मैं इसके लिए अपने खेलने की तकनीक पर काम करूंगा. लेकिन मैं यह बता देना चाहता हूं कि टेस्ट क्रिकेट मेरी प्राथमिकता है और भविष्य में भी ऐसा ही रहेगा.’