नई दिल्ली/लखनऊ। दिल्ली और पश्चिमी उत्तर प्रदेश से गिरफ्तार आईएस मॉड्यूल्स से पूछताछ के बाद NIA ने मोहम्मद अबसार नाम के एक और आरोपी को गिरफ्तार किया है. एनआईए के मुताबिक मेरठ का रहने वाला अबसार पहले से गिरफ्तार एक आरोपी साकिब के साथ पिछले साल कश्मीर गया था, जहां वह कश्मीरी आतंकियो से संपर्क बनाने की कोशिश में था. एनआईए ने आज यूपी पुलिस की मदद से मेरठ और हापुड़ के तीन ठिकानों पर छापेमारी की करवाई भी की है. NIA अब तक इस मामले में 12 आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है.
ज़ी न्यूज़ ने सबसे पहले ये ख़बर बताई थी कि आईएसआईएस मोड्यूल हरकुत उल हर्ब ए इस्लाम कश्मीरी आतंकियों की मदद से देश पर आतंकी हमले की फिराक में था. एनआइए के एक अधिकारी के मुताबिक आज जिन तीन जगहों पर छापे मारे गए है वह अबसार से जुड़े हुए हैं. अबसार मेरठ के रहने वाला है और हापुड़ के एक मदरसे में शिक्षक है.
दिल्ली और पश्चमी उत्तर प्रदेश से पकड़े गए आईएसआईएस के मॉड्यूल्स से हुई पूछताछ में बड़ा खुलासा हुआ है. आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि वह कश्मीर के आतंकी गुटों से अपने संपर्क बनाने की कोशिश में थे. गिरफ्तार आरोपी में से एक आरोपी साकिब ने पिछले साल मई और अगस्त महीने में साउथ कश्मीर का दौरा किया था जहाँ वो कश्मीरी आतंकी गुटों से मेल जोल बढ़ाने की कोशिश में था, जिससे भारत पर आईएस के बैनर तले बड़े हमले किये जा सकें.
एनआइए के एक अधिकारी के मुताबिक साकिब ने त्राल ,राजौरी और बांदीपुर में जा कर आतंकी गुटों से संपर्क बढ़ाने की कोशिश की थी जिससे आईएसआईएस ग्रुप को आतंकी हमले कि ट्रेनिंग दी जा सके. आईएसआईएस का मॉड्यूल कश्मीर आतंकियों की मदद से हथियारों का भी इंतजाम करने के कोशिश में था. साकिब ने त्राल में एक मुफ़्ती से मुलाक़ात की थी, जिसने उसकी मुलाकात एक आतंकी से कराई थी. साकिब से हुई पूछताछ के आधार पर एनआईए की टीम ने त्राल में जा कर मुफ़्ती से पूछताछ की है, जिससे ये पता चल सके कि उसने किस आंतकी से साकिब की मुलाकात कराई थी.
देखा जाए तो ये पहली बार होगा जब आईएस के कश्मीर नेटवर्क के बारे में पुख्ता जानकारी मिली हो. एनआइए की टीम साकिब के साथ मीटिंग में मौजूद एक दूसरे सदिग्ध से भी पूछताछ करने में लगी हुई है. एनआईए में जांच से जुड़े एक अधिकारी के मुताबिक पकड़े गए आईएस के मुख्य आरोपी मुफ़्ती सोहेल पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अमरोहा को आईएसआईएस का बेस बनाने की कोशिश में लगा था, सिर्फ यही नही ये ग्रुप अमरोहा को हाईड आउट के तौर पर भी इस्तेमाल करने में था जिससे आतंकी हमले के बाद सभी आरोपियों को जांच एजेंसियों की निगाह से बचाया जा सके और यहां पर छुपाया जा सके.
मुफ्ती सोहेल अमरोहा को हथियारों की सप्लाई का भी मुख्य केंद्र बनाना चाहता था, जिससे जब भी हथियारों की जरूरत हो सभी को उसकी सप्लाई बड़े आराम से अमरोहा से की जा सके. मुफ़्ती सोहेल के कहने पर दूसरे आरोपी अनस ने टेलीग्राम ग्रुप बनाया था. अनस हर रोज़ एक नया टेलीग्राम ग्रुप बनाया करता था और रात में उसे डिलीट कर दिया करता था, जिससे सुरक्षा एजेंसियों को उन पर शक न हो. यही नही ये सभी एक ही तरीके के मोबाइल फ़ोन का भी इस्तेमाल करते थे और बात हो जाने के बाद अपने फ़ोन की बैटरी निकल दिया करते थे. उनका ये मानना था कि ऐसा करके वो जांच एजेंसियों से बच सकते है.
एनआइए की पूछताछ में जब से कश्मीर नेटवर्क का खुलासा हुआ है उसके बाद से एजेंसिया इस मॉड्यूल की इससे जुड़े लिंक की जांच काफी तेज़ कर चुकी है.