नई दिल्ली। पिछले दिनों दिल्ली प्रदेश कांग्रेस की अध्यक्ष बनाई गईं शीला दीक्षित ने एक कार्यक्रम में कहा कि राहुल गांधी में प्रधानमंत्री बनने की क्षमता है, लेकिन अहम है कि पहले चुनाव जीता जाए. दिल्ली में अरविंद केजरीवाल और मनोज तिवारी जैसे 50 साल के करीब नेताओं के आगे 80 साल की नेता की चुनौती पर कहा कि उनमें जोश की कोई कमी नहीं है.
80 साल की उम्र में पार्टी प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने को कांग्रेस की मजबूरी पर शीला दीक्षित ने कहा, ‘ऐसा मत कहिए. हाईकमान को लगा होगा कि मेरे पास लंबा अनुभव है काम का. इसलिए बना दिया. ठीक है. जो हमारी पार्टी फैसला करती है, वो सर आंखों पर.’ उन्होंने आगे कहा कि हर जगह उपयोगी इंसान को रखा जाता है, पार्टी नेतृत्व को ऐसा लगा होगा इसलिए यह फैसला ले लिया. पार्टी जो आदेश करती है, हमें उसका पालन करना पड़ता है और करते हैं.
दिल्ली में आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन पर शीला ने कहा कि कांग्रेस अपने आप में सक्षम है. हमें किसी से गठबंधन करने की कोई आवश्यकता नहीं है. आम आदमी पार्टी का जो रिकॉर्ड रहा है वो हमें प्रेरित नहीं करता है. उन्होंने आगे कहा कि हमने कभी भी आम आदमी पार्टी का समर्थन नहीं किया. उसने हमारे खिलाफ चुनाव लड़ा.
हम दिल्ली में इस बार जीतेंगे
दिल्ली में कांग्रेस के पास लोकसभा और विधानसभा में एक भी सीट नहीं होने के बाद अब अगले चुनाव की रणनीति पर कहा कि दिल्ली में गठबंधन पर चर्चा चल रही है और जब वक्त आएगा तो पता चल जाएगा. उन्होंने कहा कि उन पर भ्रष्टाचार का एक भी केस नहीं है.
अरविंद केजरीवाल के बारे में भ्रष्टाचार के आरोप पर पूर्व मुख्यमंत्री शीला ने कहा कि वह कौन हैं. वह हमारे आदमी नहीं हैं. उन्हें जो भी मन में आता है वो बोल देते हैं. उन्होंने जनता को गुमराह किया.
दिल्ली में इस बार जीत के बारे में शीला दीक्षित ने कहा कि निश्चित तौर पर हम इस बार दिल्ली में चुनाव जीतेंगे. दिल्ली की जनता ने बीजेपी और आम आदमी पार्टी (आप) को आजमा लिया है जनता ने यह सब देख लिया है. उन्हें पता है कि कांग्रेस ने दिल्ली में लगातार 15 साल शासन किया क्योंकि उसने काम किया था. अब चुनाव हार गए, लेकिन हम फिर से जीतेंगे.
जोश में कमी नहीं
80 साल की उम्र में फिर से मैदान में आने पर उन्होंने कहा, ‘यह महज उम्र है. यह सही है, और यह सबके सामने हैं. मैं इसे कम नहीं कर सकती. लेकिन मुझसे जोश है और इसी कारण इस उम्र में यह जिम्मेदारी स्वीकार की है.’ अजय माकन ने खराब तबीयत का हवाला देकर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद छोड़ने के सवाल पर शीला ने कुछ नहीं कहा. उनका कहना था कि उन्हें अजय माकन की तबीयत के बारे में कोई जानकारी नहीं है. बेहतर होगा, इस संबंध में उनसे पूछा जाए.
उत्तर प्रदेश में सपा-बसपा गठबंधन में कांग्रेस को शामिल नहीं किए जाने पर कहा कि हमने वहां पहले उनसे गठबंधन किया, लेकिन वह नतीजा अच्छा नहीं रहा. अब आगे की रणनीति पर पार्टी आलाकमान जो फैसला करेगी, उसे स्वीकार किया जाएगा. चुनाव में हमेशा चुनौती होती है.